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पेटीएम के मालिक विजय शेखर ने लुटियन ज़ोन में खरीदा 82 करोड़ का बंगला

मोबाइल ऐप पेटीएम के मालिक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने दिल्ली के वीवीआईपी इलाके लुटियंस ज़ोन में 82 करोड़ का बंगला खरीदा है। लुटियंस ज़ोन देश के सबसे महंगे इलाकों में शुमार है।
पेटीएम के मालिक विजय शेखर ने लुटियन ज़ोन में खरीदा 82 करोड़ का बंगला

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विजय शेखर शर्मा ने लुटियंस जोन में करीब 6,000 स्क्वायर फीट की प्रॉपर्टी के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर कर अडवांस पेमेंट भी कर दी है। हालांकि, अभी उनके नाम से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हुई है। फ्लिपकार्ट के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम के फाउंडर इस प्लॉट पर नया घर बनाने की तैयारी में हैं। शर्मा के समकक्ष और फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी एवं सचिन बंसल ने भी बेंगलुरु में अपने आवास पर करोड़ों रुपये लगाए।

शर्मा की कंपनी वन97 ने अगस्त 2010 में पेटीएम की शुरुआत की थी। करीब 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अभी चीनी कंपनी अलीबाबा पेटीएम में सबसे बड़ी हिस्सेदार हैं। अलीबाबा चीन के डिजिटल एंटरप्रेन्योर जैक मा की कंपनी है।

रिपोर्ट के अनुसार, विजय शेखर शर्मा ने 60 हजार वर्गफीट के इस बंगले के लिए मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर दस्तखत करके अग्रिम भुगतान भी कर दिया है। हालांकि इस लेन-देन का पंजीकरण अभी नहीं हुआ है। पेटीएम फ्लिपकॉर्ट के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा डिजिटल स्टार्ट-अप है।

शर्मा के पास पेटीएम के 16 प्रतिशत शेयर हैं। कंपनी में जापान के सॉफ्ट बैंक ने हाल ही में 1.4 अरब डॉलर का निवेश किया। कंपनी का बाजार मूल्य सात अरब डॉलर आंकी गई। शर्मा के पास पेटीएम पेमेंट बैंक की भी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

शर्मा को फोर्ब्स मैगजीन ने हाल में 1.3 अरब डॉलर की निजी संपत्ति के साथ भारत का सबसे युवा अरबपति बताया था। शर्मा की संपत्ति पिछले साल की तुलना में 162 प्रतिशत बढ़ी है। 40 से कम उम्र के वो भारत के सबसे अमीर एंटरप्रेन्योर हैं। शर्मा की कंपनी पेटीएम को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने का बडा़ फायदा पहुंचा।

गौरतलब है कि लुटियंस ज़ोन दिल्ली का वीआईपी इलाका है। देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश समेत सभी बड़े लोगों के सरकारी बंगले यहीं हैं। लुटियंस ज़ोन में करीब 1000 बंगले हैं जिनमें से करीब 70 ही निजी संपत्ति हैं।  

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