कोरोना वायरस से बचने के लिए देश भर में टीकाकरण अभियान जारी है। इस टीकाकरण अभियान का आज से एक नया चरण शुरू होने जा रहा है। जिसमें कोरोना वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। यानी 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के टीकाकरण के लिए राज्य सरकारों पर बोझ नहीं पड़ेगी। हालांकि प्राइवेट अस्पतालों में टीकाकरण कराने के लिए पैसे देने होंगे।
इस नीति के तहत अब निजी अस्पताल अपनी मनमानी कीमत नहीं वसूल कर पाएंगे। केंद्र ने निजी अस्पतालों में वैक्सीन की अधिकतम रेट तय कर दिया है। जिसमें लोगों को कोविशील्ड की एक डोज लेने के लिए 780 रुपये, स्पुतनिक के लिए 1,145 रुपये और कोवैक्सीन के लिए 1,410 लोगों को खर्च करना पड़ेगा।
अब तक देश में 45 साल से अधिक उम्र वालों को केंद्र की ओर से मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध हो रही थी, वहीं 18 साल से अधिक उम्र वालों को कई राज्य सरकारों द्वारा मुफ्त वैक्सीन लगाई जा रही थी। लेकिन अब राज्य सरकारों को केंद्र सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण की वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी जिसे आगे के लोगों को लगाई जाएगी।
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया
इस नए चरण में वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया अब भी पुरानी ही रहेगी। 18 साल के ज्यादा उम्र के लोग कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु ऐप पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। वहीं यदि कोई ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने में असमर्थ है तो वह सीधा वैक्सीनेशन सेंटर पर जा कर सीधा रजिस्ट्रेशन भी करवा सकता हैं।
इस नए चरण से आए बदलाव
इस अभियान के बाद राज्य सरकारें वैक्सीन प्रोडक्शन का जो 25 प्रतिशत हिस्सा ले रही थी, वह अब नहीं लेगी। अब केंद्र सरकार 75 प्रतिशत वैक्सीन की खरीदी खुद करेगी। राज्य की जनसंख्या, कोरोना केस और वैक्सीनेशन की रफ्तार के आधार पर राज्यों को वैक्सीन दी जाएगी। यही वैक्सीन सभी सरकारी, जिला, राज्य के सरकारी अस्पतालों में निशुल्क मिलेगी।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीनेशन अभियान को तेज किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 30,39,996 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 28,00,36,898 हो गया है।