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मुर्मू को ईडी निदेशक बनाने की कोशिश के विरोध में तीस्ता

प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी जी सी मुर्मू को केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय का निदेशक बनाए जाने के किसी भी प्रयास का विरोध शुरू हो गया है।
मुर्मू को ईडी निदेशक बनाने की कोशिश के विरोध में तीस्ता

जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने मीडिया को जानकारी दी है कि केंद्र की एनडीए सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्यरत आईएएस अधिकारी जीसी मुर्मू को प्रवर्तन निदेशालय का निदेशक बनाने की तैयारी कर रही है। तीस्ता ने बताया कि जी सी मुर्मू नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं। तीस्ता का कहना है कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद गुजरात के गृह विभाग के सचिव बने मुर्मू के विरुद्ध गुजरात के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार ने गुजरात दंगों की जांच कर रही नानावटी आयोग में शिकायत की थी। आयोग के समक्ष दायर अपने तीसरे शपथ पत्र में श्रीकुमार ने मुर्मू पर साल 2004 में उन्हें अनधिकृत रूप से तलब करने और दबाव डालने का आरोप लगाया था। श्रीकुमार के अनुसार इस मीटिंग में जीसी मुर्मू और नानावटी आयोग में सरकारी वकील अरविंद पंड्या ने उनपर आयोग के समक्ष राज्य सरकार के पक्ष में अपनी गवाही देने के लिए दबाव डालने का प्रयास किया। तीस्ता का दावा है कि मुर्मू, पंड्या श्रीकुमार के बीच हुई इस बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास मौजूद है।

इसके बाद श्रीकुमार ने ‘कानून व्यवस्था बनाए रखने में और नरसंहार के अपराधों की जांच में जानबूझकर लापरवाही करने के दोषी अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए जनहित में स्मार पत्र’ शीर्षक से 9 दिसंबर, 2012 को गुजरात के राज्यपाल को इस मामले में जांच करने का आग्रह करते हुए एक पत्र लिखा। राज्यपाल ने 10 जनवरी 2013 को श्रीकुमार के स्मार पत्र को उचित कार्रवाई के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज कर इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने के लिए कहा था।

तीस्ता का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में गुजरात के राज्यपाल द्वारा शुरू की गई जांच जब तक पूरी नहीं हो जाती और उसमें मुर्मू को क्लीनचीट नहीं मिल जाती, तब तक मुर्मू को प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के पद पर नही नियुक्त किया जाना चाहिए। फिलहाल भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी करनाल सिंह प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक हैं।

 

 

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