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नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन, कई बड़े नेता हिरासत में लिए गए

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ गुरुवार को पूरे देश में प्रदर्शन हुए। दिल्ली में जंतर-मंतर पर शाम पांच...
नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन, कई बड़े नेता हिरासत में लिए गए

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ गुरुवार को पूरे देश में प्रदर्शन हुए। दिल्ली में जंतर-मंतर पर शाम पांच बजे तक ही प्रदर्शन की इजाजत थी। इसके बाद पुलिस ने उन्हें धरना-प्रदर्शन खत्म करने के लिए कहा, लेकिन प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हुए। हालांकि शाम सात बजे के करीब लोग वहां से हटने लगे। उन्हें हटाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी भी बुलाए गए थे। इस बीच, दिल्ली मेट्रो ने ज्यादातर स्टेशनों को खोल दिया है। प्रदर्शन के चलते दिन में 20 स्टेशन बंद कर दिए गए थे। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि गुरुवार को हालात आपातकाल से भी बदतर हो गए थे। सीपीआई नेता डी. राजा ने कहा कि नागरिकता धर्म के आधार पर नहीं दी जा सकती है।

दरअसल, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के विरोध में माकपा और भाकपा समेत सभी वामदल और मुस्लिम संगठन देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस भारत बंद को दूसरे विपक्षी दलों का भी समर्थन प्राप्त है। प्रदर्शन को देखते हुए देश के कई शहरों में धारा 144 लगाई गई। दिल्ली सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। इनमें चर्चित इतिहासकार रामचंद्र गुहा, स्वराज्य अभियान के नेता योगेंद्र यादव, उमर खालिद, वामपंथी नेता डी. राजा, सीताराम येचुरी, नीलोत्पल बसु और वृंदा करात भी शामिल थे। उत्तर प्रदेश के संभल और हसनगंज में प्रदर्शनकारियों ने रोडवेज की एक बस समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

दिल्ली के कई इलाकों में बंद थी इंटरनेट सेवा

दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए। लोगों को लाल किला और मंडी हाउस इलाके में प्रदर्शन की इजाजत नहीं थी। लेकिन जंतर-मंतर पर बड़ी तादाद में लोग जुटे। लोगों ने कहा कि हम पुलिस की लाठियां खाने और आंसू गैस के गोले झेलने के लिए तैयार हैं। प्रदर्शनकारी “बिना इंटरनेट के डिजिटल इंडिया” और “जनता मांगे रोजी-रोटी, मिलती हमको लाठी गाली” जैसे बैनर लिए हुए थे। मुस्लिम प्रदर्शनकारियों को नमाज की जगह देने के लिए मानव श्रृंखला भी बनाई गई। प्रदर्शन के दौरान टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने दिल्ली के कुछ हिस्सों में वॉयस, एसएमएस और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। एयरटेल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी, हालांकि कुछ देर बाद यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि सुरक्षा के इंतजामात के लिए रैपिड एक्शन फोर्स और सीआरपीएफ की 52 कंपनियां बुलाई गई थीं।

दिल्ली में उड़ानों पर भी प्रदर्शन का असर

विरोध प्रदर्शनों का असर दिल्ली में हवाई यात्रा पर भी देखने को मिल रहा है। एनएच-8 पर भारी ट्रैफिक जाम की वजह से 16 उड़ानों में देरी हुई है। एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि इंडिगो ने अपनी 19 उड़ानें रद्द कर दी हैं, क्योंकि चालक दल के सदस्य ट्रैफिक जाम में फंसने और अन्य कारणों से नहीं एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाए हैं।

20 मेट्रो स्टेशन बंद किए गए थे

प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने दिन में 20 स्टेशन बंद कर दिए थे। इनमें राजीव चौक और केंद्रीय सचिवालय जैसे प्रमुख स्टेशन भी थे। हालांकि स्टेशनों पर इंटरचेंज की सुविधा उपलब्ध थी। देर शाम मेट्रो ने सूचना दी कि जामिया मिलिया इस्लामिया और शाहीन बाग को छोड़कर सभी स्टेशन आवाजाही के लिए खोल दिए गए हैं।

सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति बेचकर भरपाईः योगी

यूपी में पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई। इसके बावजूद कई शहरों में प्रदर्शन हुए। संभल में प्रदर्शन हिंसक हो गया। यहां प्रदर्शनकारियों ने रोडवेज की एक बस को आग के हवाले कर दिया। राजधानी लखनऊ समेत कई और शहरों में भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तस्वीरों और वीडियो फुटेज से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान की जाएगी। उनकी संपत्ति बेचकर इस नुकसान की भरपाई होगी। विरोध प्रदर्शन से पहले सीआरपीसी की धारा 149 के तहत 3,000 लोगों को नोटिस जारी किया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनसे विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होने और दूसरों को शामिल होने के लिए नहीं उकसाने को कहा गया। कुछ लोगों से पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉन्ड भी भरवाया।

मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में जुटे हजारों लोग

कांग्रेस, एनसीपी और कई अन्य दलों ने 'हम भारत के लोग' नाम से एक मोर्चे के तहत अगस्त क्रांति मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस और एनसीपी की महाराष्ट्र इकाइयों के अलावा, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, जेडी (एस), किसान और वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया, मुस्लिम लीग और विभिन्न नागरिक संगठनों ने भी हिस्सा लिया। प्रदर्शन में राजनीतिक दलों और छात्रों के अलावा बॉलीवुड की हस्तियां भी थीं। बॉलीवुड हस्तियों में फरहान अख्तर, सुशांत सिंह, स्वरा भास्कर और सईद मिर्जा भी शामिल थे। महात्मा गांधी ने इसी मैदान पर अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो का नारा दिया था। 1942 में उस आंदोलन में शरीक होने वाले 94 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जी.जी. पारिख भी मौजूद थे।

संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में जनमत संग्रह होः ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संयुक्त राष्ट्र या मानवाधिकार आयोग जैसी स्वतंत्र संस्था के तत्वावधान में नागरिकता कानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह कराने की मांग की। नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ ममता तीन दिन से सड़कों पर हैं। उन्होंने कहा, “मुझे खबर मिली है कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के लिए टोपियां खरीद रही है। वे उन्हें पहनकर तोड़फोड़ करेंगे ताकि एक खास समुदाय को बदनाम किया जा सके।”

बिहार में भी बंद का आह्वान

छात्र संगठनों ने भी कई मुद्दों को लेकर बिहार बंद का आह्वान किया। इस बंद में 11 छात्र संगठन शामिल हैं। छात्रों ने नागरिक संशोधन कानून, एनआरसी और गैंग रेप के बढ़ते मामले के खिलाफ बंद का आह्वान किया। पटना के करगिल चौक पर धारा 144 लगा दी गई थी। गांधी मैदान के आसपास भी जुलूस प्रदर्शन एवं सभा की मनाही थी।

बेंगलूरू में धारा-144, रामचंद्र गुहा हिरासत में लिए गए

कर्नाटक में कई इलाकों में धारा 144 लगाई गई है। बेंगलूरू में धारा-144 गुरुवार सुबह 6 बजे से शुरू होकर 21 दिसंबर की मध्यरात्रि तक, तीन दिन लागू रहेगी। इस दौरान किसी को भी विरोध प्रदर्शन करने, पटाखे फोड़ने या हथियार प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी। पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि इसका उल्लंघन करने वालों से कड़ाई से निपटा जाएगा। इतिहासकार रामचंद्र गुहा समेत कई प्रदर्शनकारियों को बेंगलूरू पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

गुजरात के कई शहरों में दिखा असर

गुजरात में एक अल्पसंख्यक अधिकार संगठन ने नागरिकता कानून और एनआरसी लागू किए जाने के विरोध में अहमदाबाद बंद का आह्वान किया। 'अल्पसंख्यक अधिकार मंच के शमशाद पठान ने कहा कि दिन भर के बंद के दौरान वडोदरा, गोधरा और लुनावाडा से कारोबारियों और दुकानदारों ने हिस्सा लिया।

क्या है संशोधित नागरिकता कानून?

संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में समूचे देश में प्रदर्शन हो रहे है। संशोधित कानून में 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है। विरोध करने वालों का कहना है कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है।

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