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राजद्रोह के मामले में एसएआर गिलानी को जमानत

दिल्ली की एक अदालत ने प्रेस क्लब में हुए एक कार्यक्रम के संबंध में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक एस ए आर गिलानी को आज जमानत दे दी। अतिरिक्त सत्रा न्यायाधीश दीपक गर्ग ने गिलानी को 50,000 रूपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दी।
राजद्रोह के मामले में एसएआर गिलानी को जमानत

गिलानी को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की बरसी पर प्रेस क्लब में हुए कार्यक्रम के संबंध में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और आज भी गिलानी की जमानत याचिका का आज विरोध करते हुए पुलिस के वकील ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत की आत्मा पर एक हमला था और यह अदालत की अवमानना थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद अपना आदेश आज के लिए ही सुरक्षित रख लिया था और बाद में उन्होंने गिलानी को जमानत दे दी।

जिरह के दौरान गिलानी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि उन्होंने कथित भारत विरोधी नारे लगाए थे। वकील ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले की आलोचना करना अदालत की अवमानना नहीं है। जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन वह उन व्यक्तियों, अफजल गुरु और मकबूल भट का महिमामंडन कर रहे थे जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने दोषी ठहराया था। वह लोग उन्हें शहीद बता रहे थे जिसका लोगों पर असर पड़ता है और यह अदालत की अवमानना है।

गिलानी के वकील ने हालांकि जमानत के लिए आग्रह करते हुए दावा किया कि खुद प्राथमिकी में कहा गया है कि नारे लगा रहे लोगों को प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने रोका और वहां से चले जाने के लिए कहा जिस पर वह लोग सहमत हो गए।

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