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सीमावर्ती गांवों के विकास पर सरकार का ध्यान, ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम के लिए 1050 करोड़ रुपये आवंटित

सरकार चीन से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित दूरदराज के गांवों के समग्र विकास पर जोर दे रही है और इसी...
सीमावर्ती गांवों के विकास पर सरकार का ध्यान, ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम के लिए 1050 करोड़ रुपये आवंटित

सरकार चीन से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित दूरदराज के गांवों के समग्र विकास पर जोर दे रही है और इसी क्रम में केंद्रीय बजट में ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम (वीवीपी) के लिए 1,050 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इससे अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के 19 जिलों के चुनिंदा गांव लाभान्वित होंगे।

सरकार ने 15 फरवरी, 2023 को उत्तरी सीमा से सटे 46 ब्लॉक के इन गांवों के विकास के संबंध में 2022-23 से 2025-26 के लिए 4,800 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वीवीपी को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में मंजूरी दी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को पेश किए गए बजट में 2024-25 के लिए वीवीपी को लेकर 1,050 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य इन गांवों का समग्र विकास करना है, ताकि लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो सके और पलायन की प्रवृत्ति पर रोक लग सके।

वीवीपी का कार्यान्वयन केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में कृषि, बागवानी, पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत, कौशल विकास और उद्यमिता, कृषि, बागवानी, औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों की खेती को बढ़ावा दिया जाना है। इसके साथ सड़क संपर्क, आवास और गांव के बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा सहित ऊर्जा, टेलीविजन और दूरसंचार संपर्क पर फोकस शामिल हैं। वित्तीय समावेशन सहित आजीविका के अवसरों के प्रबंधन के लिए सहकारी समितियों के विकास के माध्यम से आजीविका सृजन के अवसरों की भी परिकल्पना की गई है।

विकास के लिए चिह्नित क्षेत्रों में से एक पर्यटन से संबंधित विभिन्न बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देना, समुदाय द्वारा प्रबंधित गृह प्रवास को बढ़ावा देना, स्थानीय मेलों और त्योहारों का आयोजन करना, पारिस्थितिकी पर्यटन, कृषि पर्यटन, स्वास्थ्य, वन्य जीवन, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन तथा स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देना भी इसमें शामिल है।

वीवीपी को एक परिणामोन्मुखी कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया था, जिसके परिणाम संकेतक तीन स्तरों पर हैं-गांव, परिवार और व्यक्तिगत लाभार्थी। वीवीपी के तहत, अब तक 136 सीमावर्ती गांवों को 2,420 करोड़ रुपये की लागत से हर मौसम में जोड़ने वाली 113 सड़क परियोजनाओं के माध्यम से कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि इन इलाकों में मोबाइल 4जी कनेक्टिविटी पर तेजी से काम किया जा रहा है और दिसंबर तक वीवीपी के तहत आने वाले सभी गांव 4जी नेटवर्क से कवर हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में कार्यभार संभालने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 13 जुलाई को यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में वीवीपी के क्रियान्वयन की समीक्षा की थी।

उन्होंने सीमावर्ती गांवों के निवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने तथा ऐसे दूरदराज के क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया था।

शाह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि केंद्र सरकार द्वारा की गई विशेष पहल के तहत सीमावर्ती गांवों के मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को जारी रखा जाए।

 

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