Advertisement

सरकार के रवैये से निराश सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों ने दिया इस्तीफा

नोटंबदी के बाद की रोजगार सर्वे रिपोर्ट जारी नहीं करने के विरोध में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी)...
सरकार के रवैये से निराश सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों ने दिया इस्तीफा

नोटंबदी के बाद की रोजगार सर्वे रिपोर्ट जारी नहीं करने के विरोध में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के दो स्वतंत्र सदस्यों पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया है। दोनों सदस्यों का कार्यकाल जून 2020 तक का था।

मोहनन आयोग में कार्यवाहक अध्यक्ष थे। फिलहाल आयोग में मुख्य सांख्यिकीविद् प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ही बचे हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन आने वाले इस आयोग में सात सदस्य होते हैं। वेबसाइट के मुताबिक, तीन पद पहले से ही रिक्त हैं। एक अधिकारी ने कहा कि दोंनों सदस्यों ने इस्तीफा 28 जनवरी को दिया।

सर्वे रिपोर्ट को नहीं जारी किया गया

इस्तीफे के बाद पीसी मोहनन ने कहा कि मुझे पिछले कुछ समय से ऐसा लग रहा था कि सरकार एनएससी को गंभीरता से नहीं ले रही है। एनएससी द्वारा हाल में लिए कुछ फैसलों को भी सरकार ने लागू नहीं किया। रोजगार सर्वे की रिपोर्ट को एनएससी ने बीते साल दिसंबर में ही स्वीकृत कर दिया था। फिर भी सरकार ने उसे जारी नहीं किया। मैं इन बातों को चुपचाप बैठकर नहीं देख सकता।  

सरकार ने दी सफाई, कहा- सदस्यों ने नहीं जताई थी चिंता

मामले पर सफाई देते हुए केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार हर बार पांच साल का एनएसएसओ (नेशनल सेंपल सर्वे ऑफिस) डाटा जारी करता है लेकिन आयोग के पास सिर्फ एक साल के ही आंकड़े उपलब्ध हैं। जुलाई, 17 से दिसंबर,18 की अवधि के लिए तिमाही आंकड़े संशोधित किए जा रहे हैं। इसके बाद रिपोर्ट जारी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सदस्यों ने पिछले कुछ महीनों में आयोग की किसी बैठक में यह चिंताएं व्यक्त नहीं की। जीडीपी के पूर्व आंकड़ों पर मंत्रालय ने कहा है कि एनएससी ने खुद मंत्रालय को इसे अंतिम रूप देने और जारी करने की सलाह दी थी तथा इसे राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी की सलाहकार समिति में विशेषज्ञों द्वारा अनुमोदित किया गया था।

नीति आयोग की हुई थी आलोचना

पिछले साल नवंबर में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य सांख्यिकीविद श्रीवास्तव ने जीडीपी के बैक सीरिज आंकड़े जारी किए थे। इन आंकड़ों में पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में विकास दर को राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की एक समिति के अनुमानों की तुलना में कम दिखाया गया था जिसके बाद इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ा था और नीति आयोग को भी कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ा।

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

वहीं, कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग से सभी गैर सरकारी सदस्यों के इस्तीफे ने एक और सार्वजनिक संस्थान को अयोग्य और दंतहीन बना दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल से अपने गलत प्रशासन के तमाम डेटा और आंकड़ों को हटाने की सरकार के उद्देश्य को पूरा करता है।

संस्था की आत्मा को शांति मिलेः चिदंबरम

इस्तीफों पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘इस संस्था की आत्मा को शांति मिले, जब तक कि इसका दोबारा जन्म ना हो जाए।'

पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ' हम राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की मौत का शोक मनाते हैं। साफ-सुथरे जीडीपी डाटा और रोजगार डाटा को रिलीज करने के लिए इसकी साहसिक लड़ाई को आभार के साथ याद करते हैं।' 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad