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पंजाब: कौन हैं सिद्धू के दो सलाहकार, जिनके इन बयानों ने कांग्रेस में बढ़ा दिया बवाल

पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों मालविंदर सिंह माली और डॉ....
पंजाब: कौन हैं सिद्धू के दो सलाहकार, जिनके इन बयानों ने कांग्रेस में बढ़ा दिया बवाल

पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों मालविंदर सिंह माली और डॉ. प्यारे लाल गर्ग द्वारा की गई विवादित टिप्पणियों के बाद राज्य में राजनीति गरमा गई है। दोनों ने पाकिस्तान व कश्मीर पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब किरकिरी हुई। वहीं, माली ने दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी का विवादित पोस्टर अपने फेसबुक पेज पर लगाया, जिससे पार्टी असहज हो गई थी। इस तरह की विवादित टिप्पणियों के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने दोनों सलाहकारों मालविंदर सिंह माली व डा. प्यारे लाल गर्ग पटियाला स्थित आवास पर तलब भी किया था।

बता दें कि सिद्धू ने हाल ही में चार सलाहकार नियुक्त किए थे, जिसमें पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा, पूर्व शिक्षक मालविंदर सिंह माली, बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. प्यारे लाल गर्ग और सांसद डॉ. अमर सिंह के नाम शामिल थे। कुछ दिनों के बाद मोहम्मद मुस्तफा ने सलाहकार के रूप में काम करने से मना कर दिया। वहीं नए-नए सलाहकार के रूप में शामिल हुए मालविंदर सिंह माली और डॉ. प्‍यारेलाल गर्ग इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं।

सोशल मीडिया में माली की विवादित पोस्ट

माली ने सोमवार को अपनी एक पुरानी पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने लिखा है, 'पंजाब पूछ रहा है तू यहां-वहां की बात न कर कर, तू ये बता कि काफिला क्यों लुटा। हमें गैरों से शिकायत नहीं, तेरी रहबरी पर सवाल है।' माली ने 3 लाख करोड़ के कर्ज, रोजगार के लिए युवाओं की विदेशों की तरफ दौड़, किसान और मजदूरों की खुदकुशी और दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन को लेकर सवाल उठाए हैं।

माली पहले भी लगातार कैप्टन विरोधी बयानबाजी कर रहे थे। हालांकि मुद्दा तब भड़का जब माली ने कहा कि कश्मीर पर भारत ने कब्जा कर रखा है। माली ने कश्मीर को अलग देश बताते हुए उसे आजाद करने को कहा था। इसके बाद माली ने 1989 की एक पंजाबी मैगजीन जनतक पैगाम का कवर पेज अपनी प्रोफाइल में लगाया, जिसमें पूर्व पीएम इंदिरा गांधी इंसानी खोपड़ियों के ढेर पर खड़ी हैं और उनके हाथ में पकड़ी बंदूक के आगे भी खोपड़ी लटक रही है। इसे 1984 में पंजाब में हुए दंगों से जोड़कर देखा जा रहा है।

प्यारे लाल गर्ग ने पाकिस्तान विरोध पर सवाल उठाए

सिद्धू के दूसरे सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने भी कैप्टन की पाकिस्तान विरोधी टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे। गर्ग ने कहा था कि इससे पंजाब के हित प्रभावित हो रहे हैं। सिद्धू के दोनों ही सलाहकारों की इन टिप्पणियों के बाद सियासी माहौल गर्मा गया था।

बता दें कि सिद्धू के दोनों सहालाकार के इस तरह के बयान के बाद कांग्रेस के गलियारे में हड़कंप मच गया है।

कैप्टन अमरिंदर ने खुद लिया था संज्ञान

सलाहकारों द्वारा की गई टिप्पणी के बाद पार्टी में ही मचे बवाल के बाद खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कड़ा संज्ञान लिया था। कैप्टन ने कहा था कि इन टिप्पणियों से राज्य के साथ-साथ देश की शांति और स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो सकता है। कैप्टन ने सिद्धू को भी अपने सलाहकारों को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान को सलाह देने तक सीमित रखने की नसीहत दी थी। इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अपने दोनों सलाहकारों को तलब किया था।

सिद्धू ने हाल ही में माली व गर्ग को अपना सलाहकार नियुक्त किया था

बता दें कि माली व गर्ग को सिद्धू ने हाल ही में अपना सलाहकार नियुक्त किया था। कैप्टन ने माली और गर्ग के आश्चर्य भरे बयानों पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा था कि यह बयान पाकिस्तान और कश्मीर संबंधी भारत और कांग्रेस पार्टी की नीति के बिल्कुल उलट हैं। उन्होंने सिद्धू को अपने सलाहकारों द्वारा भारत के हितों को और नुकसान पहुंचाने से पहले उन पर लगाम लगाने के लिए कहा था।

विवादित टिप्पणी करने की इन लोगों ने की थी निंदा

पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने भी विवादित टिप्पणी करने की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि बयान देने व टिप्पणी लिखने में सतर्कता बरती जानी चाहिए। वहीं, अकाली दल के विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा था कि कांग्रेस का प्रदेश कार्यालय आइएसआइ का दफ्तर बन गया है। मजीठिया ने कहा था कि सिद्धू के सलाहकार का यह बयान भी 13 अगस्त को तब आता है, जब 14 अगस्त को पाकिस्तान आजादी दिवस मनाता है और भारत 15 अगस्त को आजादी दिवस मनाता है। मजीठिया ने कहा था कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केवल नसीहत देते हैं, जबकि उन्हें तो सिद्धू और उनके सलाहकर के खिलाफ पर्चा दर्ज करना चाहिए, क्योंकि ये सलाहकार नहीं बल्कि सिद्धू बोल रहे है। सोनिया गांधी व राहुल गांधी को ये स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह कांग्रेस की नीति है।

मालविंदर सिंह माली के अपने फेसबुक के कवर पेज पर इंदिरा गांधी की बंदूक वाली व नर कंकाल की खोपड़ी डाले फोटो को लगाने से उठे विवाद पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने भी तीखी आलोचना की थी। यह फोटो 1984 में हुए सिख कत्लेआम को दर्शाता है। माली द्वारा इंटरनेट मीडिया पर डाली गई फोटो पर चुघ ने कहा कि इसमें पंजाब के आम आदमी की कांग्रेस के प्रति सोच को दर्शाया गया है। भाजपा तो 3 दशकों से कहती आ रही है कि 1984 के कत्लेआम हो या पंजाब को दशकों तक आग में धकेलने का काम हो यह सब कांग्रेस के षड्यंत्र का ही हिस्सा है। अब कांग्रेस ने सच स्वीकारा है।

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