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अब भारत बायोटेक ने बनाई कोरोना की नेजल वैक्सीन, ट्रायल के लिए मांगी इजाजत

कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत में एक और कदम बढ़ाया गया है। भारत बायोटेक ने अब देश में नेजल वैक्सीन यानी...
अब भारत बायोटेक ने बनाई कोरोना की नेजल वैक्सीन, ट्रायल के लिए मांगी इजाजत

कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत में एक और कदम बढ़ाया गया है। भारत बायोटेक ने अब देश में नेजल वैक्सीन यानी नाक से दी जाने वाली वैक्सीन बनाई है  और इसके ट्रायल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से इजाजत मांगी है। भारत बायोटेक ही देश में कोवैक्सीन भी बना रहा है।

अगर ट्रायल में इस  वैक्सीन को कामयाबी मिलती है, तो देश में कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बड़ी कामयाबी मिल सकती है। इस वैक्सीन को कंधे पर इंजेक्शन नहीं बल्कि नाक के जरिए दिया जाता है, रिसर्च में पाया गया है कि ये अधिक प्रभावी होता है। ऐसे में अब भारत में पहले और दूसरे फेज़ के ट्रायल के लिए इजाजत मांगी गई है. कंपनी के मुताबिक, शुरुआत में इसका ट्रायल नागपुर, भुवनेश्वर, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में किया जाएगा।

इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए 18 से 65 वर्ष तक के लोगों को वॉलंटियर के तौर पर लिया जाएगा, ताकि ट्रायल सफलतापूर्वक चलाया जा सके। भारत बायोटेक के मुताबिक, चूहों पर इस वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है। नाक के जरिए दी जाने वाली इस वैक्सीन को कोरोना की एकल खुराक वैक्सीन कहा गया है। इसे बनाने के लिए शोधकर्ताओं ने वायरस के स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल किया है। कोरोना वायरस शरीर की कोशिकाओं पर हमला करने के लिए इसका उपयोग करता है। इसे एडिनोवायरस कहा जाता है। यही सामान्य सर्दी-जुकाम का कारण बनता है।

बीते सितंबर माह में ही इस वैक्सीन को बनाने वाले शोधकर्ताओं ने दावा किया था कि नाक के माध्यम से दी जाने वाली यह वैक्सीन इंजेक्शन के जरिए लगाई जाने वाली वैक्सीन की तुलना में अधिक व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा करती है।  अभी तक बाजार में जो वैक्सीन आई हैं या फिर जिन वैक्सीन को भारत में मंजूरी मिली है। उन्हें कंधे पर इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है।.

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