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अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा मुगलसराय जंक्शन

उत्तर प्रदेश के मुगलसराय स्टेशन का नाम बदल दिया गया है। अब दिल्ली-हावड़ा रेलवे मार्ग का प्रमुख रेलवे...
अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा मुगलसराय जंक्शन

उत्तर प्रदेश के मुगलसराय स्टेशन का नाम बदल दिया गया है। अब दिल्ली-हावड़ा रेलवे मार्ग का प्रमुख रेलवे स्टेशन मुगलसराय दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

इसके लिए अगस्त में राज्य की योगी सरकार ने प्रस्ताव रखा था। ये मामला जून में उठाया गया था और जुलाई में गृह मंत्रालय द्वारा एनओसी दे दी गई थी। केंद्र सरकार ने यूपी सरकार के उस प्रस्ताव को पास कर दिया है जिसमें मुगलसराय स्टेशन का नाम बदले जाने की सिफारिश थी। सरकारी नियम अनुसार, अगर किसी गांव, शहर या स्टेशन का नाम बदलना होता है तो उसके लिए सरकार को गृह मंत्रालय से एनओसी लेनी होती है। अब मुगलसराय रेलवे स्टेशन को दीन दयाल उपाध्याय के नाम से जाना जाएगा।


जनसंघ के नेता थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर योगी सरकार ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम उन पर रखने का फैसला लिया था। पंडित दीन दयाल उपाध्याय 1968 में रहस्यमय हालात में मुगलसराय स्टेशन पर मृत पाए गए थे। इस स्टेशन का निर्माण 1862 में उस समय हुआ था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी हावड़ा और दिल्ली को रेल मार्ग से जोड़ रही थी। दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कई योजना भी वर्तमान में चलाई जा रही है।

स्टेशन का नाम बदलने को लेकर हुआ था विरोध

बता दें कि मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलने को लेकर पहले काफी हंगामा भी हुआ था। मुगलसराय में कई संस्थाओं ने इस बात का विरोध किया था। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलने को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ था। समाजवादी पार्टी के सांसदों ने इसका विरोध किया था। सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा था कि सरकार यूपी का भूगोल बदलना चाहती है, ये देश का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है।

वहीं, इस मामले पर संसदीय मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि उपाध्याय के नाम के बजाय मुगल के नाम में एक रेलवे स्टेशन को पसंद करना सही सोच नहीं है। उन्होंने कहा था, क्या सभी चीजों के नाम सिर्फ नेहरू-गांधी के नाम पर रहेंगे? बहुत सारे लोगों ने देश के लिए बलिदान किया है।

 

 

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