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दिल्ली के बाद आंध्र भी शराब बिक्री से राजस्व जुटाने की राह पर, कीमतों में भारी वृद्धि

राजस्व के लिए परेशान राज्य सरकारों में दिल्ली की राह पर आंध्र प्रदेश भी चल दिया है। दिल्ली सरकार ने...
दिल्ली के बाद आंध्र भी शराब बिक्री से राजस्व जुटाने की राह पर, कीमतों में भारी वृद्धि

राजस्व के लिए परेशान राज्य सरकारों में दिल्ली की राह पर आंध्र प्रदेश भी चल दिया है। दिल्ली सरकार ने शराब के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर 70 फीसदी स्पेशल कोरोना फीस लगा दी है। आज से दिल्ली में सभी तरह की शराब बढ़ी दरों पर ही मिलेगी। उधर, आंध्र प्रदेश सरकार ने शराब के मूल्य में 50 फीसदी का और इजाफा किया है। लॉकडाउन-3 में शराब दुकानें खोलने की अनुमति मिलने बाद सोमवार को आंध्र सरकार ने 25 फीसदी कीमत बढ़ाई थी।

आज से नई दरों पर बिक्री

इस बीच, दिल्ली के आबकारी आयुक्त ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखा है कि शराब की दुकानों को सुबह 9 बजे से शाम 6.30 बजे तक खुलने की अनुमति दी जाए। सरकार के फैसले के अनुसार दिल्ली की चारों नगर निगमों के शराब विक्रेता आज से नई दरों पर बिक्री करेंगे। पुलिस को दुकानों पर नियम और गाइडलाइन के पालन और शांति व्यवस्था के लिए निगरानी करनी चाहिए।

राजस्व की भरपाई के लिए फीस

दिल्ली सरकार ने स्पेशल कोरोना फीस लगाकर अपने राजस्व में कुछ बढ़ोतरी का प्रयास किया है। कोरोना वायरस और इसके बाद लॉकडाउन के कारण राज्य के राजस्व पर बहुत बुरा असर पड़ा है। इसी को देखते हुए सरकार ने कोरोना फीस लगाने की घोषणा की है। सोमवार को पहले दिन शराब की दुकानें खुलने पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि पूर्वी दिल्ली की शराब की दुकानों को बंद करा दिया गया क्योंकि वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। दिल्ली सरकार ने रविवार को फैसला किया था कि लॉकडाउन-3 के दौरान शराब और तंबाकू की दुकानें खोलने की अनुमति होगी।

शराब से दूर रखने को मूल्य वृद्धिः आंध्र

आंध्र प्रदेश के विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) रजत भार्गव ने कहा कि शराब की बिक्री में असामान्य वृद्धि देखने को मिली है। लोगों को शराब पीने से हतोत्साहित करने और स्वस्थ रहने की प्रेरणा देने के लिए कीमत में और बढ़ोतरी की गई है। बढ़ी कीमत तत्काल प्रभाव से लागू की गई है। सरकार ने दुकानें सुबह 11 बजे के बजाय 12 बजे खोलने का फैसला किया है। दुकानें शाम 7 बजे तक खुली रह सकती हैं।

दूसरी ओर सूत्रों ने कहा है कि शराब की कीमत 50 फीसदी बढ़ाए जाने से सरकार को वार्षिक आधार पर 9000 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिल सकेगा। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण राज्य के राजस्व स्रोत लगभग सूख चुके हैं।

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