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नाइजीरिया में जल्‍द होगी भारतीय चावल-दलहन की खेती

चावल और दलहन की भारतीय किस्मों की खेती जल्द नाइजीरिया में शुरू हो सकती है। नाइजीरिया बड़ी मात्रा में खाद्यान्न का आयात करता है। अपनी अर्थव्यवस्था को विविधता देने के लिए नाइजीरिया तेल एवं गैस कारोबार के विकल्प के रूप में कृषि पर ध्यान देना चाहता है।
नाइजीरिया में जल्‍द होगी भारतीय चावल-दलहन की खेती

भारत के उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी की नाइजीरिया के राष्‍ट्रपति मोहम्मदु बुहारी तथा उपराष्‍ट्रपति येमी ओसिनबाजो के साथ मंगलवार को द्विपक्षीय बैठक में यह मुद्दा उठा।

विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंध सचिव अमर सिन्हा ने कहा, नाइजीरिया बड़ी मात्रा में खाद्यान्न का आयात करता है। यहां बड़ी संख्या में एेसी जमीन है जिसका इस्तेमाल चावल और दलहन की भारतीय किस्म के उत्पादन के लिए किया जा सकता है। बातचीत मेें मुख्य रूप से इसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा हुई।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा नाइजीरिया ने चावल प्रसंस्करण क्षेत्र में सहयोग करने में रुचि दिखाई। साथ ही वह भारत के कृषि माॅडल और क्षमता को अपनाने का इच्छुक है। इसी साल जुलाई में नाइजीरिया सरकार ने हरित विकल्प नीति को मंजूरी दी थी, जिससे कृषि को देश में तेल एवं गैस कारोबार का बड़ा विकल्प बनाया जा सके। सिन्हा ने कहा कि बातचीत में कई अन्य मुद्दाें मसलन सुरक्षा, रक्षा, आईसीटी, संस्कृति, तेल एवं गैस, रियायती रिण, द्विपक्षीय हवाई सेवाओं पर करार, बिजली, आईटी, दूरसंचार, बुनियादी ढांचा तथा आतंकवाद से संघर्ष पर भी गहन विचार विमर्श हुआ।

इस दौरान भारतीय मानक ब्यूरो तथा नाइजीरिया के मानक संगठन के बीच मानक पर सहमति ज्ञापन पर भी दस्तखत किए गए। अंसारी ने राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से बुहारी को भारत यात्रा का भी न्योता दिया। उनकी यह यात्राा अगले साल हो सकती है। भाषा एजेंसी 

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