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आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कश्मीर पर UN की मानवाधिकार रिपोर्ट पर उठाए सवाल

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने कश्मीर में मानवाधिकार पर अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में...
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कश्मीर पर UN की मानवाधिकार रिपोर्ट पर उठाए सवाल

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने कश्मीर में मानवाधिकार पर अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए भारत और पाकिस्तान दोनों से इस दिशा में कदम उठाने की सिफारिश की गई थी। इस रिपोर्ट पर भारत सरकार की तीखी प्रतिक्रिया सामने आने के बाद अब आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस रिपोर्ट को 'प्रेरित' बताया है। सेना प्रमुख ने कहा कि मानवाधिकार रिकॉर्ड के मसले पर भारतीय सेना पर सवाल उठाए ही नहीं जा सकते।

एएनआई के मुताबिक, सेना प्रमुख ने कहा, 'भारतीय सेना के मानवाधिकार रिकॉर्ड के बारे में सोचने की जरूरत ही नहीं है। न केवल कश्मीर के लोग बल्कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी भी जानती है कि भारतीय सेना का मानवाधिकार रिकॉर्ड सबसे ऊपर है। कुछ रिपोर्ट प्रेरित होती हैं और इसपर उन्हें इससे अधिक कुछ कहने की जरूरत नहीं।'

क्या कहा गया था रिपोर्ट में?

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था OHCHR (ऑफिस ऑफ द यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स) की ओर से जारी 49 पन्नों की रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान पर आरोप लगाए थे। संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के सुरक्षा बल 2016 से ही नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ जम्मू-कश्मीर में अत्यधिक हिंसा से काम ले रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में यहां के नागरिक मारे जा रहे हैं। इसके अलावा सुरक्षा बलों पर कई अन्य गंभीर आरोप लगाए गए थे।

यह रिपोर्ट खासतौर से जम्मू-कश्मीर में जुलाई 2016 से अप्रैल 2018 के बीच कथित हिंसा पर थी। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर कड़ा ऐतराज जताते हुए आधिकारिक बयान जारी कर इसे भ्रामक, प्रायोजित और पूर्वाग्रह से प्रेरित रिपोर्ट बताया। साथ ही कहा था कि यह असत्यापित जानकारियों का पुलिंदा है। 


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