Advertisement

CJI रमना बोले- राजनीतिक विरोध का शत्रुता में बदलना स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत नहीं, लंबित मामलों को लेकर जताई चिंता

भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक विरोध दुश्मनी में तब्दील हो रहा है जो...
CJI रमना बोले- राजनीतिक विरोध का शत्रुता में बदलना स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत नहीं, लंबित मामलों को लेकर जताई चिंता

भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक विरोध दुश्मनी में तब्दील हो रहा है जो स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष के बीच आपसी सम्मान हुआ करता था, जो कम हो रहा है.

रमना ने कहा, "राजनीतिक विरोध को दुश्मनी में नहीं बदलना चाहिए, जिसे हम इन दिनों दुखद रूप से देख रहे हैं। ये स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत नहीं हैं।" वह राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) द्वारा राजस्थान विधानसभा में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, "सरकार और विपक्ष के बीच आपसी सम्मान हुआ करता था। दुर्भाग्य से विपक्ष के लिए जगह कम होती जा रही है।" सीजेआई  ने विधायी प्रदर्शन की गुणवत्ता पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "दुख की बात है कि देश विधायी प्रदर्शन की गुणवत्ता में गिरावट देख रहा है," उन्होंने कहा, कानूनों को विस्तृत विचार-विमर्श और जांच के बिना पारित किया जा रहा है।

जयपुर में ऑल इंडिया लीगल सर्विसेज के एक कार्यक्रम में जस्टिस एनवी रमना ने भारत में विचाराधीन कैदियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि देश के 6.10 लाख कैदियों में से लगभग 80 प्रतिशत विचाराधीन कैदी हैं। उन्होंने कहा कि भेदभावपूर्ण गिरफ्तारी से लेकर जमानत पाने तक और विचाराधीन बंदियों को लंबे समय तक जेल में बंद रखने की समस्या पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा इसके बजाय, हमें उन प्रक्रियाओं पर सवाल उठाना चाहिए जो बिना किसी मुकदमे के बड़ी संख्या में लंबे समय तक कैद की ओर ले जाती हैं।

इसी कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि चिंता की बात यह है कि आज देश भर की अदालतों में करीब 5 करोड़ मामले लंबित हैं। इन मामलों को कम करने के लिए सरकार और न्यायपालिका को मिलकर काम करने की जरूरत है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad