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आम बजट आज; चुनावी राज्यों पर पड़ेगा असर? जानें अहम बातें

केंद्र सरकार मंगलवार को देश का आम बजट पेश कर रही है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह तीसरा आम बजट है।...
आम बजट आज; चुनावी राज्यों पर पड़ेगा असर? जानें अहम बातें

केंद्र सरकार मंगलवार को देश का आम बजट पेश कर रही है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह तीसरा आम बजट है। जबकि, निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री अपना चौथा बजट पेश कर रही हैं। हालांकि कोरोना महामारी के दो वर्षों के बाद भी घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के सामने अब भी इससे पूरी तरह उबरने की चुनौती सामने है। इस बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं। वहीं सरकार के समक्ष महामारी से प्रभावित क्षेत्रों को समर्थन जारी रखने और रोजगार पैदा करने के मौके पैदा करने जैसी बड़ी चुनौतियां होंगी।

 

बजट को लेकर महत्वपूर्ण बातें-

-बजट से पहले सोमवार को पेश किए इकॉनमिक सर्वे में केंद्र ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियां महामारी के पूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं। लिहाजा सरकार इस बजट में अपना ध्यान आर्थिक मोर्चे पर रफ्तार को इससे भी ऊपर ले जाने का इरादा रख सकती है।

-वहीं इस माह देश के 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। माना जा सकता है कि सरकार इन राज्यों के लिए विशेष योजनाओं और फंडिंग से जुड़े ऐलान भी कर सकती है।


-मोदी सरकार का लक्ष्य देश की अर्थव्यवस्था को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाना है, लिहाजा सरकार अभी बड़े स्तर खर्चा करने को लेकर दिलचस्पी दिखा सकती है। हालांकि इसके लिए रोजगार और निवेश को बढ़ाने के लिए कदम उठाने होंगे।


-यदि आयकर के पक्ष पर दृष्टि डालें तो ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि सरकार टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन कर सकती है। मगर ये उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि बढ़ती महंगाई के बीच सरकार कर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर पांच लाख पर कर दे।


-सरकार का फोकस इस बार भी इंफ्रा पर विशेष रूप से रह सकता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि मोदी सरकार इस बार भी सड़क, रेलवे और जलमार्ग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर कई बड़ी योजनाओं का ऐलान कर सकती है।


-वहीं, आम जनता से लेकर उद्योग संगठनों तक को इस बजट से कई अपेक्षाएँ हैं। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ ने कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं में सृजित रोजगार के आधार पर प्रोत्साहन की एक्स्ट्रा रेट भी जोड़ी जानी चाहिए। सीआईआई ने यह भी सुझाव दिया है कि ज्यादा तादाद में रोजगार देने वाले चमड़ा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे सेक्टर को निवेश आकर्षित करने और नए रोजगार पैदा करने के लिए प्रोत्साहन योजना के दायरे में लाया जाना चाहिए।


- इसके अलावा सीआईआई ने कई और ऐसे कदमों की भी सिफारिश की है जिनसे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे भी कोरोना की मार सभी आय वर्गों पर पड़ने से बजट में रोजगार-सृजन वाले क्षेत्रों पर ध्यान देना आवश्यक है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सहायता के लिए मनरेगा का बजट आवंटन बढ़ाने और आयकर अधिनियम की धारा 80जेजेएए के तहत आय सीमा को बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है


-गौरतलब है कि इकॉनमिक सर्वे में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2022-23) में 8-8.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। जबकि, अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के दौरान 9.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जो महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले सुधार का संकेत है। इसका आशय है कि वास्तविक आर्थिक उत्पादन का स्तर 2019-20 के कोविड के पहले वाले स्तर को पार कर जाएगा।

 

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