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पांच साल पहले पीएफ निकासी पर टीडीएस की कैंची

किसी कंपनी या संस्‍थान में काम करने वाले कर्मचा‌री अब पांच साल पहले अपनी ‌भविष्य निधि (पीएफ) राशि नहीं निकाल सकते यदि वह राशि 30 हजार रुपये से अधिक है। ऐसा करने वाले कर्मचारियों को 10 प्रतिशत से लेकर 34.608 प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर (टीडीएस) देना होगा।
पांच साल पहले पीएफ निकासी पर टीडीएस की कैंची

वित्त मंत्री ने चालू वर्ष का बजट पेश करते हुए कहा था कि 1 जून से ऐसी पीएफ राशि पर टीडीएस की कटौती की जाएगी। सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि पैन जमा करने वाले कर्मचारियों को 10 प्रतिशत टीडीएस ही देना पड़ेगा जबकि पैन कार्ड विवरण नहीं देने वाले कर्मचारियों को 34.608 प्रतिशत की दर से अपनी जमा राशि पर कर चुकाना होगा। लेकिन जो कर्मचारी फॉर्म 15-एच और फॉर्म 15-जी भरकर जमा कर देते हैं, उन्हें अपनी गाढ़ी कमाई पर कोई कर नहीं देना पड़ेेगा। इस संबंध में ईपीएफओ के सर्कुलर के अनुसार वित्त अधिनियम, 2015 में कर्मचारियों के पीएफ भुगतान संबंधी नई धारा 192-ए जोड़ दी गई है। फॉर्म 15-एच 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों की ओर से जबकि फॉर्म 15-जी 60 साल से कम उम्र के नागरिकों द्वारा जमा कराया जाता है।

हालांकि वित्त मंत्रालय के सूत्रों का यह भी कहना है कि अभी इस बारे में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है कि 1 जून से पीएफ पर कर कटौती की जाए या नहीं। ईपीएफओ की आपत्ति यह है कि इस व्यवस्‍था से कर दायरे से बाहर के कर्मचारियों (ढाई लाख से कम सालाना आमदनी वाले) का भी टीडीएस कट जाएगा जो जायज नहीं होगा। लिहाजा वित्त मंत्रालय इसे कुछ समय के लिए टालने का मन बना रहा है।

इसके अलावा फॉर्म 15-जी भरने वाले कर्मचारियों से भी यह घोषणा करने को कहा गया है ‌िक पीएफ खाते से राशि निकालने के बाद उनकी कुल आय कर दायरे से नीचे ही रहेगी। हालांकि एक खाते से दूसरे खाते में पीएफ हस्तांतरित करने या खराब स्वास्‍थ्य की वजह से नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों के पीएफ से कोई कर कटौती नहीं की जाएगी।

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