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11 महीने बाद स्‍मार्ट सिटी मिशन को कैबिनेट की मंजूरी

मोदी की पंसदीदा स्‍मार्ट सिटी योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिलने में ही 11 महीने का समय लग गया। इस बीच, केंद्र सरकार ने जेएनएनयूआरएम के दूसरे चरण की योजना से नेहरू का नाम हटा दिया है।
11 महीने बाद स्‍मार्ट सिटी मिशन को कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्‍वाकांक्षी 100 स्‍मार्ट सिटी योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी है। देश में ये स्‍मार्ट सिटी कहां बनेंगे, इनके लिए पैसा और जमीन कौन देगा, इस तरह के मुद्दों पर सरकार के भीतर ही एकराय नहीं बन पा रही थी। जिसके चलते इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिलने में ही करीब 11 महीने लग गए। इस बीच मोदी सरकार ने शहरी विकास मंत्रालय में तीन सचिव बदल डाले। आखिरकार, लंबी जद्दोजहद के बाद स्‍मार्ट सिटी पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्‍मार्ट सिटी मिशन का दारोमदार केंद्र सरकार राज्‍यों के कंधों पर डालने जा रही है। केंद्र की शहरी विकास योजनाओं का कम से कम 50 फीसदी फंड राज्‍य सरकार और स्‍थानीय निकायों को देना पड़ेगा। 

 

बुधवार सुबह संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में स्‍मार्ट सिटी के अलावा एक लाख से ज्‍यादा आबादी वाले देश के 500 शहरों के विकास की योजना को भी मंजूरी मिली है। यह योजना पहले यूपीए सरकार की जवाहरलाल नेहरू अरबन रिन्‍यूअल मिशन (जेएनएनएयूआरएम) के दूसरे तरण के तौर पर चलाई जानी थी, लेकिन मोदी सरकार ने नेहरू का नाम हटाकर अब इसे अटल मिशन फॉर रिजुवनेशन एंड अरबन ट्रांसफॉरमेंशन यानी अमृत नाम दिया है। पिछली सरकार की ओर से शुरू की गई आवासीय परियोजनाओं को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। 

 

शहरी विकास पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा केंद्र 

कैबिनेट ने देश के शहरों की दशा सुधारने के लिए अगले पांच साल के दौरान एक लाख करोड़ रुपये के खर्च का स्‍वीकृति दी है। इस तरह हरेक स्‍मार्ट सिटी को हर साल 100 करोड़ रुपये की वित्‍तीय सहायता दी जाएगी। शहरी विकास मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, जेएनएनयूआरएम के अनुभव के आधार पर स्‍मार्ट सिटी की योजना में कई अहम बदलाव किए गए है। इसे लागू करने के लिए राज्‍यों को काफी छूट दी जाएगी। स्‍मार्ट सिटी मिशन पर अगले पांच साल में 48 हजार करोड़ रुपये और अमृत योजना पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्‍ताव है। 

 

राज्‍य करेंगे स्‍मार्ट सिटी का चयन 

कैबिनेट से मंजूर स्‍मार्ट सिटी मिशन के अुनसार, योजना के लिए शहरों का चयन सिटी चैलेंज कॉम्‍पीटिशन के जरिए राज्‍यों की ओर से किया जाएगा। प्रोजेक्‍ट लागू करने की शहरों की क्षमता और वित्‍तीय स्थिति को खासतौर पर ध्‍यान में रखा जाएगा। चयनित शहरों में कौन-से विकास कार्यों होने हैं, यह तय करने में नागरिकों की भागीदारी को प्राथमिकता देने का प्रावधान भी रखा गया है। कुल बजट का 10 फीसदी हिस्‍सा गत वर्ष शहरी सुधारों पर अमल करने की दिशा में बेहतर काम करने वाले राज्‍यों को मिलेगा। 

 

इस तरह स्‍मार्ट बनेंगे भारत के शहर 

स्‍मार्ट सिटी मिशन को एरिया एप्रोच के आधार पर लागू किया जाएगा। इसके तहत शहरों के पुराने इलाकों का पुनर्विकास और पूरे शहर या नए शहरों का विकास शामिल है। इसके तहत पेयजल आपूर्ति, साफ-सफाई, कचरा-प्रबंधन, शहरी परिवहन, विद्यु‍त आपूर्ति, आईटी कनेक्टिविटी, शहरी प्रशासन में सुधार, ई-गवर्नेंस, नागरिकों की सुरक्षा, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और शहरी पर्यावरण से जुड़ी परियोजना लागू की जाएंगी। 

               

 

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