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विदेश में सुरक्षित निवेश लेकिन देश में लक्जरी, जानें कोरोना संकट के बीच सोने का रुख

कोरोना संकट के कारण सुरक्षित निवेश के लिए मांग बढ़ने के कारण विश्व बाजार में सोने की कीमत तेजी से बढ़ी...
विदेश में सुरक्षित निवेश लेकिन देश में लक्जरी, जानें कोरोना संकट के बीच सोने का रुख

कोरोना संकट के कारण सुरक्षित निवेश के लिए मांग बढ़ने के कारण विश्व बाजार में सोने की कीमत तेजी से बढ़ी और इसके कारण घरेलू फ्यूचर्स मार्केट में भी सोने की कीमत नई ऊंचाई पर पहुंच गई लेकिन सराफा बाजार यानि बुलियन स्पॉट मार्केट के कारोबारियों में इस तेजी से कोई उत्साह नहीं है क्योंकि सोने की फिजिकल खरीद-फरोख्त की सुविधा देने वाले देश भर कगे सराफा बाजार लॉकडाउन की वजह से बंद हैं। उनका कहना है कि अगली दो-तीन तिमाहियों तक बाजार में कोई मांग आने की उम्मीद नहीं है।

फ्यूचर मार्केट में सोना रिकॉर्ड स्तर पर

गुरुवार को फ्यूचर्स मार्केट यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में सोने के जून वायदा अनुबंध की कीमत 173 रुपये बढ़कर 45,114 रुपये तक पहुंच गई। जबकि 17,298 लॉट में कारोबार हुआ। बुधवार को वायदा बाजार में सोने की कीमत 45,724 रुपये प्रति दस ग्राम का रिकॉर्ड स्तर छू गई थी। वायदा बाजार में न सिर्फ सोने की कीमत बढ़ रही है, बल्कि इसका कारोबार भी लॉकडाउन के दौराने तेजी से बढ़ा है।

विदेश में भी सोना 14 फीसदी महंगा

विश्व बाजार की बात करें तो न्यूयॉर्क में गुरुवार को सोने की कीमत 0.99 फीसदी बढ़कर 1700.90 डॉलर प्रति औंस (28.35 ग्राम) पर पहुंच गई। अब मामूली गिरावट के साथ सोना 1687 डॉलर पर बिक रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के मूल्य में पिछले 23 मार्च से ज्यादा तेजी दिख रही। तब सोने की कीमत 1492 डॉलर प्रति औंस थी। जबकि अब इसकी कीमत 1700 डॉलर तक पहुंच चुकी है। इस तरह बाजार में करीब 13-14 फीसदी तक की तेजी आ चुकी है।

उम्मीद जागने से और तेजी मुश्किल

कर्वी कॉमट्रेड के कमोडिटी रिसर्च प्रमुख वीरेश हिरेमिथ का कहना है कि विश्व बाजार में निवेशक कुछ दिनों पहले तक कोरोना संकट के कारण सुरक्षित निवेश के लिए सोने में निवेश कर रहे थे। इस वजह से सोने की कीमत पिछले दो-तीन सप्ताह में तेजी से बढ़ी। अब शेयर बाजार में मजबूती देखकर लगता नहीं है कि सोने में और ज्यादा तेजी फिलहाल आएगी। निवेशकों को कोरोना संकट में जल्दी ही राहत मिलने की उम्मीद दिखने से उन्होंने शेयरों में खरीद बढ़ा दी है।

स्पॉट के पिछले भाव से फ्यूचर सोना आठ फीसदी ऊपर

विदेशी और घरेलू फ्यूचर मार्केट तेजी के बावजूद स्पॉट बाजार के कारोबारी निराश ही दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली सराफा बाजार के कारोबारी अशोक फोफालिया ने आउटलुक को बताया कि फिलहाल इस तेजी से सराफा बाजार का कोई लेना-देना नहीं है। लॉकडाउन की वजह से अभी कारोबार के बारे में सोचना भी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने से सराफा 22 मार्च को दिल्ली सराफा बाजार में 24 कैरट सोने की कीमत करीब 42200 रुपये प्रति दस ग्राम थी। फ्यूचर मार्केट में सोने की उच्चतम कीमत 45,724 से तुलना करें तो इसमें करीब आठ फीसदी की तेजी आ चुकी है।

दो तिमाही हाजिर में कोई उम्मीद नहीं

फोफालिया का कहना है कि फ्यूचर मार्केट और विदेशी बाजार के भाव से इस समय सराफा कारोबारियों का कोई लेना-देना नहीं है। भले ही कीमत में अंतर आया है लेकिन इस समय कारोबार नहीं हो सकता है। इसलिए इस भाव का कोई अंतर नहीं है। घरेलू सराफा बाजार से अगली दो तिमाहियों तक कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। अभी तो हम सभी कोरोना संकट से गुजर रहे हैं। जब भी इससे राहत मिलेगी और लॉकडाउन खुलेगा, लोगों की प्राथमिकता आवश्यक वस्तुएं खरीदने की होगी। ऐसे में सोने की मांग निकलने की दिवाली से पहले कोई उम्मीद नहीं है।

सैलानियों का पैसा आने की धुंधली उम्मीद

एक अन्य कारोबार ने भी कहा कि फिलहाल कारोबार के बारे में कुछ भी नहीं सोचा जा सकता है। बस थोड़ी उम्मीद इस बात है कि लॉकडाउन खुलने के बाद भी घूमना-फिरना खतरे से खाली नहीं होगा, इसलिए संभव है कि यह पैसा लोग सोने की खरीदारी में लगाएं तो मांग कुछ सुधार हो लेकिन इसकी सीमित मांग से भी बाजार को पटरी पर लाना संभव नहीं होगा।

तो भी सोने की कीमत पर लगाम लगेगी

कमोडिटी एनालिस्ट वीरेश हिरेमिथ बताते है कि विदेश में सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है, इसलिए वहां फिजिकल गोल्ड या ज्वैलरी से कोई खास लगाव नहीं है। इसी वजह से सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत में भारी कीमत आ चुकी है। हालांकि अभी भी नई ऊंचाई से बहुत दूर है क्योंकि 2011 में सोने की उच्चतम कीमत 1900 डॉलर को भी पार कर गई थी।

हिरेमिथ के अनुसार घरेलू बाजार में हाजिर बाजार बंद होने के बावजदू सोना नई ऊंचाई छू रहा है क्योंकि सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़ने के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 76 को पार कर चुका है। भविष्य में सोने की घरेलू हाजिर मांग सुधरने की उम्मीद अगले दो-तीन महीने में नहीं बनेगी लेकिन विश्व बाजार में कीमती धातु की कीमत और डॉलर-रुपये के एक्सचेंज से आयात महंगा पड़ेगा तो सोने की कीमत बढ़ेगी। हालांकि अब शेयर बाजारों में तेजी का दौर शुरू होने से सोने पर लगाम करने की उम्मीद की जा रही है।

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