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बजट में रहेगा आर्थिक सुधारों पर ज़ोर

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि विदेशी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों के तहत भारत की नई सरकार आगामी बजट में सुधारवादी उपाय पेश करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने एवं भारत को उत्पादन के लिए पसंदीदा स्थान बनाने के लिए भी अनुकूल प्रयास किए जाएंगे।
बजट में रहेगा आर्थिक सुधारों पर ज़ोर

ओमान की राजधानी मस्कट में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा कि भारत को निवेश एवं उत्पादन का लक्षित स्थान बनाने के लिए प्रधानमंत्राी के मेक इन इंडिया अभियान के जरिये कई कदमों की घोषणा की जा चुकी है।

इसी तरह, वर्ष 2014 में आए पिछले बजट में गंगा नदी की सफाई और विकास के लिए एनआरआई कोष की स्थापना की गई थी और सरकार ने डि‌ज‌िटल इंडिया कार्यक्रम अपनाया है। तेल के धनी खाड़ी देश की अपनी पहली यात्रा पर आईं स्वराज ने कहा कि सरकार ने इन प्रयासों से जुड़ने के लिए विदेशी और प्रवासी भारतीय उद्यमियांे दोनों को ही आमंत्रित किया है। घोषित किए जाने वाले नए सुधारों की जानकारी दिए बिना स्वराज ने कल रात कहा, कई सुधार लागू किए गए हैं। कई और सुधार अभी प्रक्रिया में हैं जो इस माह के अंत में आने वाले बजट में शामिल होंगे।

स्वराज ने सरकार की 100 स्मार्ट सिटी परियोजना को रेखांकित किया, जिसमें भागीदारी का विकल्प खुला है। उन्होंने कहा कि निर्माण, रेलवे और रक्षा क्षेत्राों में विदेशी निवेश की सीमा में छूट दी गई है। नई सरकार पारदर्शिता और सुशासन के साथ विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हम विकास के पुनरुत्थान के लिए प्रयासरत हैं। इसका असर स्थितियों में सुधार और देश में बिजनेस के लिहाज से सकारात्मक एवं उत्साहपूर्ण माहौल के जरिये दिखने लगा है।

भाजपा की वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि पिछला आम चुनाव एेतिहासिक था, जिसमें लोगों ने तीन दशक बाद किसी एक दल को पूर्ण बहुमत दिया। भारत के आर्थिक विकास में प्रवासी भारतीयों की भूमिका की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा, भारत का मानना है कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों को भारत की विकास गाथा का हिस्सा होना चाहिए।

उन्होंने कहा, आपके वर्षों तक धन भेजना जारी रखने से हमारा विदेशी मुद्रा कोष बढ़ा और आप भारत में रहने वाले लाखों लोगों के लिए आजीविका का स्रोत हैं। भारत एक एेसा देश है, जिसे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रह रहे निर्वासित लोगों की ओर से भेजा गया सर्वाधिक धन प्राप्त होता है और खाड़ी क्षेत्र हमारे लिए इस तरह के विप्रेषित धन का सबसे बड़ा स्रोत है।

स्वराज की पहली ओमान यात्रा एेसे समय में हुई है जब दोनों देश आपसी कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारियां कर रहे हैं। मंत्री ने ओमान के साथ द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के एक प्रतीक चि‌ह्न का भी अनावरण किया। अपने भाषण में मंत्री ने भारतीय नागरिकों को बेहतर माहौल देने के लिए ओमानी नेतृत्व, विशेषकर शाह सुल्तान काबूज़ की सराहना की।

उन्होंने कहा, खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य देशों में से ओमान एेसा अग्रणी देश है, जो प्रवासी लोगों को अच्छी गुणवत्ता वाला जीवन तो देता ही है, साथ ही वह उन्हें उनके धर्म को मानने की और अन्य सांस्कृतिक अधिकारों की आजादी भी देता है। उन्होंने कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगी कि जीवंत भारतीय समुदाय के सदस्यों के रूप में आपने अपनी मातृभूमि को गौरवान्वित किया है। हमारी सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि में भी योगदान करने की आपकी क्षमताओं को पहचानती है। इसलिए इस अवसर पर मैं ओमान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए हर व्यक्ति से योगदान की सराहना करती हूं।

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