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हैदराबाद विश्वविद्यालय से मिली डी.लिट लौटाएंगे अशोक वाजपेयी

हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित छात्र की आत्महत्या के विरोध में जाने-माने लेखक अशोक वाजपेयी ने विश्वविद्यालय से उन्हें प्रदान की गई डी. लिट की उपाधी लौटाने का एलान किया है। वाजपेयी ने यह फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन के दलित विरोधी रवैये के विरोध में लिया है जिसकी वजह से रविवार की रात रोहित वेमुला नाम के एक दलित छात्र को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा।
हैदराबाद विश्वविद्यालय से मिली डी.लिट लौटाएंगे अशोक वाजपेयी

डी लिट. की उपाधी वापस करने का ऐलान करते हुए वाजपेयी ने कहा, एक लेखक बनने की इच्छा रखने वाले रोहित वेमुला नाम के एक दलित छात्र को दलित विरोध और मतभेदों पर दिखाई गई असहिष्णुता की वजह से आत्महत्या के लिए मजबूरहोना पड़ा। मैंने विश्वविद्यालय प्रशासन के विरोध में सम्मान वापस करने का फैसला किया है जो कि राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है। ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष वाजपेयी को कुछ साल पहले हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की तरफ से डी. लिट की उपाधी दी गई थी। उन्होंने कहा, संस्थान ने मानवीय गरिमा और ज्ञान के विरुद्ध काम किया है।

 

रविवार की रात को आत्महत्या करने वाले वेमुला उन पांच शोध छात्रों में से एक थे जिन्हें पिछले साल अगस्त में विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया था। उन्हें छात्रावास से भी निकाल दिया गया था। वेमुला विश्वविद्यालय में एक छात्र नेता के साथ मारपीट के मामले के आरोपियों में से एक थे। दलित छात्र के कथित आत्महत्या के मामले में केंद्रीय श्रम मंत्री दत्तात्रेय, हैदराबाद विश्वविद्यालय के कलपति अप्पा राव और तीन अन्य को नामजद करते हुए साइबराबाद पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है। 

 

लेखकों और आंदोलनकारियों के विरुद्ध हिंसा पर नहीं बोलने के लिए प्रधामनमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए वाजपेयी सरकार को साहित्य अकादमी लौटाने वाले अन्शुय कई शुरुआती लेखकों में से एक थे। साथी लेखक और साहित्य अकादमी बोर्ड के सदस्य एमएम कालबुर्गी की हत्या और दादरी की घटना के बाद देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर अकादमी की कथित चुप्पी के विरोध में कुल 39 लेखकों ने अपने पुरस्कार लौटा दिए थे। वाजपेयी को उनके कविता संग्रह, कहीं नहीं वहीं के लिए 1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था।

 

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