Advertisement

यूएस-पाक एफ-16 डील: भारत ने अमेरिकी राजदूत को किया तलब

ओबामा प्रशासन द्वारा पाकिस्तान को एफ-16 विमान बेचे जाने के निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने आज अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को तलब कर अपनी नाखुशी और निराशा का इजहार किया।
यूएस-पाक एफ-16 डील: भारत ने अमेरिकी राजदूत को किया तलब

भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने वर्मा को साउथ ब्लॉक में तलब किया और 45 मिनट की बैठक में उन्हें पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य मदद को लेकर भारत की चिंताओं के बारे में बताया। भारत का मानना है कि इस प्रकार की सैन्य मदद का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए किया जाता है। सूत्रों के अनुसार, इस तरह की सैन्य मदद पाकिस्तान को प्रोत्साहित करेगी। विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका के निर्णय पर अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए एक कड़ा बयान जारी किया। मंत्रालय ने इस बात पर भी असहमति व्यक्त की कि इस प्रकार हथियारों के हस्तांतरण से आतंकवाद से निपटने में मदद मिलेगी।

 

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हम पाकिस्तान को एफ 16 विमानों की बिक्री को अधिसूचित करने के ओबामा प्रशासन के निर्णय से निराश हैं। हम इस तर्क से असहमत हैं कि इस प्रकार हथियारों के हस्तांतरण से आतंकवाद से निपटने में मदद मिलती है। विदेश मंत्रालय ने कहा, इस संबंध में पिछले कुछ वर्षों का रिकॉर्ड यह बात साबित करता है। ओबामा प्रशासन ने कहा है कि उसने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम आठ एफ-16 लड़ाकू विमान पाकिस्तान को बेचने का निर्णय लिया है जिनकी कीमत करीब 70 करोड़ डॉलर है। प्रस्ताव अब अमेरिकी कांग्रेस में चला गया है जिसके पास इस पर निर्णय लेने के लिए 30 दिनों का समय है।

 

इस बीच पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के फैसले को लेकर कांग्रेस ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि विदेश नीति के मोर्चे पर उनकी एकमात्र उपलब्धि यह है कि अमेरिका और रूस दोनों ही पाकिस्तान को हथियार देने वाले बड़े आपूर्तिकर्ता बन गए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मूल तौर पर एक आतंकी प्रतिष्ठान होने के बावजूद अमेरिका का लंबे समय से पाकिस्तान के साथ रक्षा संबंध रहा है। उन्होंने कहा, एफ-16 सामरिक हथियार नहीं हैं। वे रणनीतिक मंच हैं, जिनमें क्षेत्र में पारंपरिक शक्ति संतुलन को भंग करने की क्षमता है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दलों के प्रभावशाली सांसदों की ओर से बढ़ते विरोध के बावजूद अमेरिकी विदेश मंत्राालय ने अमेरिकी कांग्रेस को यह अधिसूचित किया है कि उसने पाकिस्तान सरकार को एफ-16 ब्लाॅक 52 विमान, उपकरण, प्रशिक्षण और साजो सामान देने की संभावित विदेश सैन्य बिक्री को मंजूरी देने का फैसला किया है। हालांकि इस प्रस्ताव को अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी मिलना जरूरी है।

 

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad