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पनामा दस्तावेज लीक से पूरी दुनिया में हंगामा

रूस ने पनामा दस्तावेज लीक होने की आलोचना करते हुए आज इसे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लक्षित कर किया गया एक हमला बताया और दावा किया कि सीआईए के पूर्व अधिकारियों ने दस्तावेजों के विश्लेषण में मदद की। क्रेमलिन प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, पुतिन, रूस, हमारा देश, हमारी स्थिरता और आगामी चुनाव मुख्य निशाना हैं, खासतौर पर स्थिति को अस्थिर करने के लिए।
पनामा दस्तावेज लीक से पूरी दुनिया में हंगामा

पनामा आधारित एक कानूनी कंपनी से लीक हुए लाखों दस्तावेजों ने पुतिन और उनके करीबी मित्रों के गोपनीय वित्तीय लेने देन का खुलासा किया है।

नोवाया गजेटा विपक्षी अखबार के रूसी पत्रकारों ने दस्तावेजों का विश्लेषण किया है जिसमें पुतिन के करीबी मित्र को विदेश स्थित शीर्ष उद्योगपति के रूप में रखा गया है जिनके पास दो अरब डॉलर की संपत्ति बताई गई है। लीक दस्तावेजों में क्रेमलिन प्रवक्ता का भी नाम आया है। उन्होंने कहा कि रूसी नेता के बारे में लीक में कुछ भी नया या ठोस नहीं है। उन्होंने उन पर पुतिनोफोबिया से ग्रसित होने का आरोप लगाया। उन्होंने रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा कि इसमें ब्योरे की कमी है।

उधर, पनामा कांड में चीन के चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी लपेटे में आ गए हैं। शी सहित शीर्ष कम्युनिस्ट पदाधिकारियों पर अपना धन छिपाने के लिए विदेश स्थित कर छूट स्थलों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। लीक दस्तावेजों में इस बात का खुलासा हुआ है। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सबसे मजबूत इकाई पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के कम से कम आठ मौजूदा या पूर्व सदस्यों के नाम इस लीक में सामने आए हैं। पनामा स्थित कानूनी कंपनी मोजैक फोनसेका से लीक दस्तावेजों की जांच के बाद दुनिया भर की 140 राजनीतिक शख्सियतों में शामिल इन आठ लोगों पर आरोप है कि उनके विदेशों में खाते हैं। लीक में शी के करीबी रिश्तेदार देंग जियागुई का नाम है, जिन्होंने 2009 में दो ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड कंपनियां बनाई थी। गौरतलब है कि 2012 में ब्लूमबर्ग समाचार एजेंसी ने भी शी के परिवार की बताई जाने वाली अकूत संपत्ति की जांच को प्रकाशित किया था। 1987 से 1998 में सत्ता में रहे पूर्व प्रधानमंत्री ली फंग की बेटी का नाम भी दस्तावेजों में सामने आया है। चीन के कुलीन वर्ग के बारे में हुए खुलासों पर चीनी मीडिया चुप्पी साधे हुए है।

दूसरी ओर , पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आज उस वक्त अपने देश में राजनीतिक भूचाल के केंद्र में आ गए जब उनके बच्चों के नाम पनामा दस्तावेजों में विदेश में संपत्ति रखने वालों के रूप में आया। इस पर विपक्ष ने एक जांच की मांग की है वहीं उनके परिवार के सदस्यों ने किसी तरह का गलत काम करने से इनकार किया है। इन दस्तावेजों के मुताबिक शरीफ की चार संतानों में तीन मरयम, हसन और हुसैन के पास कई कंपनियों के लिए मालिकाना या लेन देन करने का अधिकार है। पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो से प्रधानमंत्री शरीफ की वित्तीय होल्डिंग की गहन जांच शुरू करने की मांग की है। इमरान ने कहा कि शरीफ को स्पष्ट करना चाहिए कि उनके बच्चों ने यह धन कैसे अर्जित किया।

इस बीच, शरीफ के बेटे हुसैन नवाज ने कहा कि उन्होंने पहले ही बताया है कि उनके मालिकाना हक में विदेश में कंपनियां हैं और उनके तहत कई अपार्टमेंट का मालिकाना हक रखते हैं। उन्होंने कहा कि शरीफ का नाम गलत रूप में लिया जा रहा और सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बहन मरियम विदेश स्थित कंपनियों में न्यासी हैं। उनका परिवार भ्रष्टाचार में शामिल नहीं है। इस बीच, पाकिस्तान के सूचना मंत्री परवेज राशिद ने कहा कि पनामा दस्तावेजों ने उनके सरकार के इस रुख को सही साबित किया है कि शरीफ और उनके भाई शाहबाज के पास किसी भी रूप में विदेश में कोई कारोबार नहीं है। गौरतलब है कि शरीफ का परिवार इत्तेफाक ग्रुप का मालिकाना हक रखता है जो करोड़ों डॉलर की इस्पात कंपनी है।

पनामा कांड के कारण इस्तीफे का दबाव झेल रहे आईसलैंड के प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। लीक दस्तावेजों के आधार पर आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री सिगमुंदुर डेविड गुनलाउगसन और उनकी पत्नी ने ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में एक कंपनी खड़ी की थी। ऐसा पनामा के एक लॉ फर्म की मदद से किया गया। इन खबरों के चलते संसद में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की मांग की जाने लगी है। प्रधानमंत्री ने आज दोपहर टीवी पर कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और पनामा दस्तावेज लीक में कोई नई सूचना नहीं है।

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