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पश्चिमी देशों में बन रहे हैं आइएस के आतंकी

आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी लड़ाके सीरिया और इराक के लिए रवाना हो रहे हैं। ऐसा करने वाले दुनिया के करीब 20,000 लड़ाकों में से 3,400 तो पश्चिमी देशों के हैं।
पश्चिमी देशों में बन रहे हैं आइएस के आतंकी

शीर्ष अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने आतंकवाद संबंधी चिंता पर जारी एक नवीनतम अनुमान में यह बात कही है।

अधिकारियों ने बुधवार को हुयी चर्चा में सदन की घरेलू सुरक्षा समिति को बताया कि खुफिया एजेंसियों का अब यह मानना है कि कम से कम 150 अमेरिकियों ने ऐसा करने की काशिश की थी और इनमें से कुछ तो सीरियाई युद्ध क्षेत्रों में पहुंचने में सफल भी रहे। कुछ अमेरिकियों को रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया, कुछ की उस क्षेत्र में मौत हो गयी और कुछ अभी भी चरमपंथियों के साथ लड़ रहे हैं।

राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र के प्रमुख निक रासमुसेन ने कहा कि सीरिया जाने वाले विदेशी लड़ाकों की तादाद, पिछले 20 वर्षों में जिहाद के नाम पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक, यमन या सोमालिया जाने वाले लड़ाकों की तादाद से कहीं ज्यादा है।

अमेरिकी अधिकारियों को यह डर है कि 90 देशों से गए विदेशी लड़ाकों में से कुछ जब यूरोप या अमेरिका में अपने घर लौटेंगे तो शायद सबको उनकी असलियत का पता नहीं होगी और वे आतंकवादी हमलों को अंजाम दे सकते हैं।

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