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उत्तर कोरिया की मांग, परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र की मान्यता दे अमेरिका

उत्तर कोरिया ने अमेरिका से खुद को एक वैध परमाणु सशस्त्र देश के रूप में मान्यता देने की फिर से मांग की है। वहीं, विश्व के शक्तिशाली देश उसके हालिया और सबसे जोरदार परमाणु परीक्षण को लेकर उसे दंडित करने के तरीके तलाश रहे हैं।
उत्तर कोरिया की मांग, परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र की मान्यता दे अमेरिका

उत्तर कोरिया ने इस मांग के साथ ही गुणवत्ता और मात्रा में परमाणु हमला शक्ति को बढ़ाने का संकल्प लिया है। इसके दो दिन पहले ही इस देश ने अपना सबसे जोरदार परमाणु परीक्षण किया था जो पिछले एक दशक में पांचवा था। इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गई और संयुक्त राष्ट्र के सख्त प्रतिबंधों के लिए कदम उठाने की मांग की गई। जापान की यात्रा पर गए एक वरिष्ठ अमेरिकी दूत ने कहा कि वाशिंगटन और टोक्यो प्रतिक्रिया में सबसे कड़े संभावित कदमों पर विचार कर रहे हैं। उत्तर कोरिया ने इस बात पर जोर दिया है कि इसके मिसाइल और परमाणु परीक्षण अमेरिकी परमाणु खतरे से अपनी आजादी की रक्षा करने के लिए जरूरी हैं। प्योंगयांग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की उत्तर कोरिया के प्रति नीति की खिल्ली उड़ाई। आधिकारिक केसीएनए समाचार एजेंसी ने बयान के हवाले से बताया है कि ओबामा उत्तर कोरिया के एक वैध परमाणु हथियार संपन्न देश के रूप में सामरिक स्थिति को इनकार करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह वैसी ही मूर्खता है, जैसा कि सूरज को हथेली से ढंकना।

शुक्रवार को किए गए परमाणु परीक्षण से आठ महीने पहले ही एक परीक्षण किया गया था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए सबसे चिंता की बात उत्तर कोरिया का यह दावा है कि यह आयुध का एक छोटा रूप था जिसे एक मिसाइल में परिवर्तित किया जा सकेगा। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद नए उपायों पर काम शुरू करने के लिए सहमत हुआ था। इस बीच, उत्तर कोरिया नीति पर अमेरिकी विदेश विभाग के विशेष प्रतिनिधि सुंग किम ने कहा कि वाशिंगटन और टोक्यो सुरक्षा परिषद और उससे आगे करीबी रूप से काम करेगा ताकि उत्तर कोरिया की ताजा हरकत के खिलाफ कठोरतम संभावित कदम उठाए जा सकें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अमेरिका खुद भी एकपक्षीय प्रतिबंध लागू कर सकता है।

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