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भारत और चीन की सेना का संयुक्त अभ्यास

भारत और चीन की सेनाओं ने चीन के युन्नान प्रांत में 10 दिवसीय आतंकवाद निरोधक संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। दोनों देशों के अधिकारियों का मानना है कि यह अभ्यास आपसी समझ एवं सहयोग बढ़ाने में मददगार होगा। भारत ने इन अभ्यासों में भाग लेने के लिए पहली बार ईस्टर्न कमांड की नगा रेजीमेंट की दूसरी बटालियन के 175 जवानों का दल भेजा है जो चीन के साथ लगती भारत की सीमा की देख-रेख करता है।
भारत और चीन की सेना का संयुक्त अभ्यास

चीन के चेंगदु मिलिट्री रीजन की 14 कोर के जवान इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं जिनका काम भारत के साथ लगती सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करना है।

भारतीय दूतावास ने आज बीजिंग में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि दोनों पक्षों ने इस संयुक्त अभ्यास के लिए समान संख्या में सैन्यबल भेजे हैं। यह अभ्यास 22 अक्तूबर को समाप्त होगा। बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों के जवान गहन संयुक्त अभ्यास करेंगे। इसके तहत प्रदर्शनी और एक समग्र संयुक्त अभ्यास करना शामिल होगा। इस अभ्यास का मकसद संयुक्त संचालन क्षमता को विकसित करना, आतंकवाद निरोधक अभियानों के मामले में उपयोगी अनुभव साझा करना और भारत एवं चीन की सेनाओं के बीच मित्रवत आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

चीन में भारतीय राजदूत अशोक के कांत ने कहा कि इस वर्ष आयोजित किया जा रहा यह सैन्य अभ्यास योजना, कमांड संरचना और कार्रवाई के मामले में वास्तव में संयुक्त है। उन्होंने कहा,  जब आतंकवाद मानवता के लिए एक बड़ा खतरा बन कर उभरा है, ऐसी परिस्थिति में दोनों देशों की सेनाओं के बीच आतंकवाद के विरोध में सहयोग अधिक महत्वपूर्ण है।

दोनों पक्षों के बीच अभ्यासों का यह पांचवां दौर है। पहली बार दक्षिण-पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत में 2007 में, दूसरी बार कर्नाटक के बेलगाम में 2008, तीसरी बार दक्षिण पश्चिम चीन के सिचुआन में 2013 और चौथी बार पुणे में 2014 में यह संयुक्त अभ्यास किया गया था।

चीनी मीडिया ने संयुक्त अभ्यास पर पश्चिमी मीडिया को कोसा

चीन के एक सरकारी समाचार पत्र ने भारत एवं चीन की सीमा पर अतीत में उत्पन्न हुए गतिरोधों को ‘संयोगवश हुए टकराव’ करार देते हुए आज पश्चिमी मीडिया पर आरोप लगाया कि वह दोनों देशों की सीमा पर तनाव की बात कर उनके संयुक्त सैन्य अभ्यास को अनुचित रूप से निशाना बना रहा है। ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया है,  पश्चिम हमेशा की तरह चीन-भारत सैन्य संबंधों और एशियाई भू राजनीति पर चीन-भारत सीमा विवादों के प्रभाव पर बहुत अधिक ध्यान दे रहा है। सरकारी शंघाई म्युनिसिपल सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के निदेशक वांग देहुआ द्वारा लिखे गए इस लेख में कहा गया है कि  वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव की एक श्रृंखला के मद्देनजर विदेशी मीडिया ने संयुक्त सैन्य अभ्यास पर ऐसे आश्चर्य प्रकट किया है, मानो भारत और बीजिंग के बीच इस प्रकार के अभ्यास आयोजित करने के लिए अभी सही समय नहीं आया है।

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