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ग्रीनपीस कार्यकर्ता को भारत में प्रवेश से रोका

ग्रीनपीस इंडिया ने दावा किया कि उसके अंतरराष्ट्रीय स्टाफ के एक सदस्य को वैध दस्तावेज होने के बावजूद भारत में प्रवेश की इजाजत नहीं मिली। एनजीओ के अनुसार, ग्रीनपीस इंटरनेशनल के एक सदस्य एरन गैरी ब्लाक यहां के कर्मचारियों के साथ बैठक के लिए शनिवार को सिडनी से विमान से चले। वह आस्ट्रेलिया के पासपोर्ट पर सफर कर रहे थे। लेकिन उन्‍हें भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
ग्रीनपीस कार्यकर्ता को भारत में प्रवेश से रोका

नई दिल्ली। ग्रीनपीस इंडिया ने दावा किया कि बेंगलूर स्थित आव्रजन अधिकारियों ने गैरी ब्लाक को वापस लौटाने के लिए कोई औपचारिक कारण नहीं बताया। ग्रीनपीस इंडिया की कार्यक्रम निदेशक दिव्या रघुनंदन ने कहा, हमारे सहयोगी के पास वैध कारोबारी वीजा था और फिर भी उन्हें बिना कोई कारण बताए भारत में प्रवेश करने से रोका गया। उन्होंने कहा, एेसा कोई कारण नहीं है कि ग्रीनपीस के इंटरनेशनल स्टाफ के सदस्यों के साथ इस तरह से मनमाने ढंग से व्यवहार किया जाए और हम उम्मीद करते हैं कि गृह मंत्राालय पूरा स्पष्टीकरण देगा। 

एनजीओ ने दावा किया कि गैरी ब्लाक को भारत में प्रवेश से मना कर दिया और उनका पासपोर्ट जब्त कर वापस कुआलालंपुर के विमान में बैठा दिया गया। कुआलालंपुर में उतरने के बाद उनका पासपोर्ट लौटा दिया गया। अब गैरी ब्लाक आस्टेलिया लौट आए हैं। एनजीओ ने दावा किया कि यह पहला मौका नहीं है कि दूसरे देशों से ग्रीनपीस के कर्मचारी को भारत में प्रवेश करने से रोका गया है। एनजीओ ने कहा, वैध वीजा होने के बावजूद ग्रीनपीस इंटरनेशनल के कर्मचारी को भारत में प्रवेश करने से रोकना इस बात का सबूत है कि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय कानून और भारत के संविधान के तहत प्रदत्त ग्रीनपीस की अभिव्यक्ति की स्वतंत्राता के अधिकार का उल्लंघन करने के लिए किस हद तक जा सकती है।

उल्लेखनीय है कि ग्रीनपीस इंडिया की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लै को जनवरी में लंदन जाने वाले विमान से विवादास्पद तरीके से उतार लिया गया था। लेकिन बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने गृह मंत्राालय की कार्रवाई को पलट दिया और पिल्लै को उतारने के पासपोर्ट पर लगे स्टाम्प को औपचारिक तरीके से मई में हटा दिया गया। एनजीओ ने कहा, गैरी ब्लाक के साथ हुआ व्यवहार भारत सरकार का पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले समूह के कार्य को बाधित करने का नवीनतम उदाहरण है।

 

 

 

 

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