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मसूद अजहर पर बैन के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाएगा फ्रांस

पुलवामा हमले के बाद भारत को बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है। फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के...
मसूद अजहर पर बैन के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाएगा फ्रांस

पुलवामा हमले के बाद भारत को बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है। फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और भारत में कई हमलों के जिम्मेदार मसूद अजहर को पूर्ण प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव देगा। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी भी जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली है।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने फ्रांस सरकार के सूत्रों के हवाले से  बताया, 'अगले एक-दो दिन में ही फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव देगा, जिसमें मसूद अजहर को आतंकी लिस्ट में शामिल करने की मांग की जाएगी।’

फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार और अजित डोभाल के बीच हुई चर्चा

सूत्रों ने बताया कि फ्रांस के इस प्रस्ताव पर फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बीच आज सुबह ही चर्चा हुई। फ्रांस ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों को अपने राजनयिक प्रयासों का समन्वय करना चाहिए।

पाक को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की मांग

पाकिस्तान पर कूटनीतिक वार करने के साथ ही फ्रांस ने भारत का साथ देते हुए उसकी अर्थव्यवस्था पर भी चोट पहुंचाने की तैयारी की है। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की इस सप्ताह होने वाली सालाना मीटिंग में फ्रांस पाक को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की मांग करेगा। भारत ने भी फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स को आतंकी हमले के संबंध में डोजिएर सौंपने की तैयारी की है। इसमें यह बताया जाएगा कि पुलवामा में हुए अटैक की साजिश किस तरह से पाक में रची गई थी।

ये है दूसरा मौका...

यह दूसरा मौका होगा, जब ऐसे किसी प्रस्ताव को फ्रांस यूएन के सामने पेश करेगा। इससे पहले 2017 में अमेरिका ने यूके के समर्थन से यूएन के सेक्शन कमिटी 1267 के तहत पाकिस्तानी आतंकी संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग की थी। हालांकि उस प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया था।

पाक पर चौतरफा दबाव

पुलवामा हमले के एक दिन बाद भारत ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय पटल पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की मुहिम शुरू कर दी थी। विदेश सचिव विजय गोखले ने दिल्ली में करीब दो दर्जन राजदूतों से मुलाकात की। भारत ने पाकिस्तान से सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा भी वापस ले लिया। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि एमएफएन का दर्जा वापस लेने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर होगा।

वहीं अमेरिका ने भी इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भयावह हालात करार दिया है। मंगलवार को ट्रंप ने कहा कि वह इस मामले में रिपोर्ट देख रहे हैं और जल्द ही एक बयान जारी करेंगे। आतंकी हमले के बाद ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने आत्मरक्षा के भारत के अधिकार का समर्थन किया था। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो, बोल्टन और वाइट हाउस की प्रेस सेक्रटरी सारा सांडर्स ने अलग-अलग बयानों में पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद और इसके सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा था। इसके साथ ही आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह नहीं देने की भी बात कही थी।

पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा की गई हरकत पर सरकार पूरी तरह से बदले के मूड में है और आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान की मिलीभगत की पोल खोलकर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया जा रहा है। सरकार अपनी रणनीति के तहत देश के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर सबको अपने विश्वास में लेना चाहती है ताकि इस घटना का सैन्य स्तर पर मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

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