Advertisement

ऑस्ट्रेलिया में अपने ही छीन लेते हैं पीएम की कुर्सी

सहयोगियों के दबाव के कारण प्रधानमंत्री की कुर्सी जाने की कई घटनाएं आपने देखी होंगी। खुद की पार्टी में...
ऑस्ट्रेलिया में अपने ही छीन लेते हैं पीएम की कुर्सी

सहयोगियों के दबाव के कारण प्रधानमंत्री की कुर्सी जाने की कई घटनाएं आपने देखी होंगी। खुद की पार्टी में बगावत के कारण प्रधानमंत्री की कुर्सी जाने की घटना कम ही दिखाई देती है। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया में यह एक राजनीतिक चलन बनता जा रहा है। बीते कुछ सालों में यहां चार बार प्रधानमंत्री को दल के भीतर बगावत के कारण अपना पद छोड़ना पड़ा है।

ताजा घटनाक्रम में सत्ताधारी लिबरल पार्टी में असंतोष के कारण मैल्कम टर्नबुल की प्रधानमंत्री पद से विदाई हो गई है। उनकी जगह स्कॉट मॉरिसन प्रधानमंत्री बने हैं। ऑस्ट्रेलिया की राजनीति लंबे समय से उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। हाल में कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। बीते दस साल में यह देश छह प्रधानमंत्री देख चुका है।

टर्नबुल की जगह लेने के लिए सत्ताधारी दल में हुए आंतरिक चुनाव में मॉरिसन का मुकाबला गृह मंत्री पीटर डटन और विदेश मंत्री जूली बिशप के साथ हुआ। आखिरी राउंड में उन्होंने गृहमंत्री पीटर डटन को 45-40 से हराया। मॉरिसन ऑस्ट्रेलिया के 30वें प्रधानमंत्री हैं।

हालिया सर्वेक्षणों में सत्ताधारी गठबंधन को विपक्ष से पिछड़ता दिखाने के बाद लिबरल पार्टी में नेतृत्व की लड़ाई तेज हो गई थी। मंगलवार को गृह मंत्री पीटर डटन ने सबसे पहले टर्नबुल पर अपना अविश्वास जाहिर किया। हालांकि इसके बाद हुए आंतरिक चुनाव में टर्नबुल जीत गए थे। लेकिन, फिर तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम के कारण दोबारा चुनाव कराना पड़ा और इस बार टर्नबुल को नेतृत्व की दौड़ से ही बाहर कर दिया गया। टर्नबुल से पहले इसी तरह के हालात के कारण केविन रड और जूलिया गिलार्ड को प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad