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पेरिस में आतंकियों का कहर. कम से कम 128 मरे

एक साल से कम समय के अंदर फ्रांस दूसरी बार बड़े आतंकी हमले की जद में आ गया है। शुक्रवार की रात पेरिस में कम से कम छह स्थानों पर हुई गोलीबारी और बम धमाकों में कम से कम 128 लोग मारे गए हैं। हमलों की जिम्मदारी आईएसआईएस ने ली है।
पेरिस में आतंकियों का कहर.  कम से कम 128 मरे

फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुक्रवार की देर रात बंदूकधारियों-आत्मघाती हमलावरों ने संगीत समारोह का आनंद लेने पहुंचे युवाओं, फुटबॉल प्रेमियों और मशहूर रात्रिकालीन मनोरंजक स्थलों पर लोगों को निशाना बनाकर हमले किए जिनमें कम से कम 128 लोगों की मौत हो गई और 180 घायल हो गए। इन हमलों के बाद फ्रांस में राष्ट्रीय स्तर पर आपातकाल घोषित कर दिया गया है। शुरुआत में हमलों में 153 लोगों के मरने की खबरें आई थीं।

पेरिस में इन जघन्य हमलों को अंजाम देने वाले कम से कम आठ आतंकवादियों ने आत्मघाती बेल्ट लपेट रखा था। उन्होंने पेरिस की सड़कों पर खून-खराबा मचाया। साल 2004 के मैड्रिड टेन बम धमाकों के बाद यूरोप में यह अब तक सबसे जघन्य हमला है। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इन हमलों को आतंकवाद करार देते हुए इनकी निंदा की और संकल्प लिया कि फ्रांस अपने शत्रुओं के खिलाफ दृढ़ता के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन हमलावरों के देश के भीतर से कुछ लोगों की मदद हासिल थी।

सबसे भयावह जनसंहार पूर्वी पेरिस में स्थित एक कंसर्ट हॉल बाताक्लां में हुआ, जहां एक अमेरिकी रॉक बैंड को प्रस्तुति देनी थी। हाथों में एके-47 लिए हुए और अल्लाहू अकबर बोलते हुए चार हमलावर कंसर्ट हॉल में घुसे और कम से कम 82 लोगों की हत्या कर दी तथा कई लोगों को बंधक भी बनाया। रेडियो प्रस्तोता पीयरे जनांसजाक ने कहा, उन्होंने गोलीबारी नहीं रोकी। उस वक्त हर तरफ खून, लाशें फैली थीं। हर कोई भागने की कोशिश कर रहा था।

 

उन्होंने कहा, मैँने उनको स्पष्ट रूप से यह कहते सुना कि ओलांद की गलती है, यह तुम्हारे राष्ट्रपति की गलती है, उसको सीरिया में दखल नहीं देना चाहिए। इससे इस्लामिक स्टेट के जिहादियों अथवा अलकायदा और उससे जुड़े संगठनों पर संदेह होता है कि हमलावर इनसे जुड़े हो सकते हैं।

माना जाता है कि सीरिया और इराक में 500 फ्रांसीसी लड़ाके इस्लामिक स्टेट के साथ हैं। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार 250 लोग फ्रांस लौट आए हैं और करीब 750 ने आईएस के साथ जुड़ने की इच्छा जताई है। इसी साल जनवरी में यहां व्यंग्य पत्रिका शार्ली हेब्दो के दफ्तर और एक यहूदी सुपरमार्केट पर हमला किया गया किया था जिनमें 17 लोग मारे गए थे। अगस्त महीने में बड़ा हमला उस वक्त टल गया था जब एक हाई-स्पीड ट्रेन से एक बंदूकधारी का हमला विफल किया गया था।

पेरिस में कल हुए हमलों के संदर्भ में आज सुबह तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या कोई बंदूकधारी अब भी फरार है। पुलिस कई स्थानों की वीडियो फुटेज खंगाल रही है। हमलों के बाद पेरिस में सभी खेल आयोजन रद्द कर दिए तथा संग्रहालयों और स्वीमिंग पूल जैसे स्थानों पर लोगों को पहुंचने को रोका गया है। ओलांद ने टेलीविजन पर दिए अपने भावुक संबोधन में कहा, पूरे पेरिस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमले हुए हैं। यह भयावह है।

राष्ट्रपति खुद इस जघन्य हमले की जद में आ गए थे जब वह उस स्टेडियम में थे जिसके निकट आत्मघाती हमलावरों ने हमला किया। स्टेडियम से ओलांद को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यहां फ्रांस और जर्मनी के बीच मैत्री फुटबाल मैच चल रहा था।

बाउलेवर्द वोल्तेयर के निकट एक और हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। आसपास के कई दूसरे रेस्तरां और मनोरंजन स्थलों को निशाना बनाया गया। ओलांद के कार्यालय ने कहा है कि पेरिस में पुलिस बल के साथ 1,500 सैनिकों को भी तैनात किया गया है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार इन हमलों के लिए किसी ने तत्काल जिम्मेदारी नहीं ली है। बहरहाल, जिहादियों ने ट्विटर पर हमले की तत्काल सराहना की और इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों के खिलाफ फ्रांस के सैन्य अभियानों की आलोचना की। कंसर्ट हॉल में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने हमलावरों को अल्लाहू अकबर कहते सुना।

ओलांद ने आपातकाल की घोषणा की और कहा कि वह देश की सीमाओं को बंद कर रहे हैं। अधिकारियों ने बाद में बताया कि वे सीमाओं पर केवल दोबारा प्रतिबंध लगा रहे हैं जिन्हें 1980 में यूरोप की ओर से मुक्त-यात्रा क्षेत्र बनाने के बाद हटा दिया गया था। उन्होंने कहा, एक दृढ़ फ्रांस, एक एकीकृत फ्रांस, एक फ्रांस जो एकसाथ मिलकर आगे आता है और एक फ्रांस जो आज भी खुद को लड़खड़ाने नहीं देगा। इस तबाही के साथ भावनाओं का एक अथाह सैलाब आया है। यह त्रासदी घृणित है क्योंकि यह वहशीपन है।

 

पुलिस ने बताया कि कंसर्ट हॉल में हुई मौतों के अलावा पेरिस के 10वें आरोंदिसेमां के एक रेस्तरां और शुक्रवार रात को भीड़भाड़ वाले अन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमले में कई लोगों की मोत हो गई।

ओलांद ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा,  यह एक कड़ी परीक्षा है, एक बार फिर हम पर हमला किया गया है। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि यह किसने किया है, अपराधी कौन हैं और ये आतंकी कौन हैं? अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि यह संपूर्ण मानवता पर हमला है।

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