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नये महासंघ ने भारतीय मुक्केबाजी की जिम्मेदारी ली

भारतीय मुक्केबाजी में पिछले चार साल से चल रही उथल-पुथल को खत्म करने के प्रयास में भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) को व्यवसायी अजय सिंह के रूप में अपना अध्यक्ष मिला जिन्होंने आज अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष घोषित चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की। स्पाइसजेट एयरलाइन्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह को 49 मत मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी दिल्ली के रोहित जैनेंद्र जैन को केवल 15 मत ही हासिल हुए।
नये महासंघ ने भारतीय मुक्केबाजी की जिम्मेदारी ली

मतदान अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज संघ (एआईबीए) और खेल मंत्रालय के पर्यवेक्षकों की देखरेख में हुए। एआईबीए का प्रतिनिधित्व उसके ओसियाना क्षेत्र के उपाध्यक्ष एडगर टैनर कर रहे थे तो मंत्रालय ने भारतीय खेल प्राधिकरण की सुष्मिता ज्योत्सी को अपना पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था। ज्योत्सी ने भी परिणाम घोषित किये जाने के बाद चुनावी प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया।

उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर रहे 51 वर्षीय अजय सिंह मशहूर व्यवसायी हैं जिन्होंने 2005 में स्पाइसजेट की स्थापना की थी। उन्होंने बीच में उसके शेयर बेच दिये थे लेकिन पिछले साल जब कंपनी खराब स्थिति में थी तब उन्होंने फिर से इसके शेयर खरीदकर उसे बेहतर स्थिति में ला दिया था। अजय उत्तराखंड मुक्केबाजी संघ में उपाध्यक्ष भी हैं। अजय आखिरी क्षणों में अध्यक्ष पद के दावेदारों में शामिल हुए और सूत्रों के अनुसार उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का समर्थन हासिल था जिसने हालांकि आज की प्रक्रिया में कोई पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं किया जबकि आईओसी और एआईबीए ने इसके लिये आग्रह किया था। अजय ने चुनाव के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, अब हमारी प्राथमिकता मुक्केबाजी को फिर से उसी जगह लाने की है जैसी यह पहले थी -- दुनिया में शीर्ष 10 में या फिर शीर्ष पांच में। हमें पिछले चार वर्षों की राजनीति को पीछे छोड़ देना चाहिए और मुक्केबाजी, मुक्केबाजों और कोचों आदि पर ध्यान देना चाहिए। हम अब अलग-अलग नेशनल्स का आयोजन शुरू कर देंगे।

उन्होंने कहा, हमारी मुक्केबाजी लीग शुरू करने की भी योजना है और साथ ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगितायें रखने की भी। हम अधिकारिक रूप से एआईबीए से मान्यता प्राप्त करेंगे। महाराष्ट्र के जय कोवली को महासचिव चुना गया। उन्हें 48 मत जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी गोवा के लेनी डिगामा को 12 मत मिले। सचिव पद की दौड़ में शामिल तीसरे उम्मीद्वार हरियाणा के राकेश ठाकरान को केवल चार मत ही हासिल हुए।

दिलचस्प बात यह है कि कोवली को पिछले साल ही इन राज्य इकाईयों ने इसी पद से हटा दिया था। तब वह बाक्सिंग इंडिया के महासचिव थे जिसे राज्य इकाईयों के विरोध के बाद भंग कर दिया गया था।    असम के हेमंत कुमार कलिता को निर्विरोध कोषाध्यक्ष चुना गया। पिछले सप्ताह नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उनके विरोध में किसी ने भी नामांकन नहीं किया था। एआईबीए के पर्यवेक्षक टैनर ने कहा कि वह चुनाव प्रक्रिया से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, चुनावों का आयोजन अच्छे और निष्पक्ष तरीके से किया गया। मैं एआईबीए को बताऊंगा कि भारतीय मुक्केबाजी महासंघ फिर से अस्तित्व में आ गया है। हमें भारतीय मुक्केबाजों से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है। टैनर ने कहा, भारत हमेशा विश्व मुक्केबाजी में शीर्ष 10 में था। दुर्भाग्य से वे फिसल गये और भारतीय टीम अपने देश के झंडे तले नहीं खेल सकी या जब उनके मुक्केबाजों ने खिताब जीते तो राष्ट्रगान नहीं बजा। लेकिन सबसे सुखद बात यह है कि भारतीय मुक्केबाजी के वो सारे बुरे दिन पीछे छूट गये हैं। अब वे अपनी मजबूत टीम भेज सकते हैं। अब नयी संस्था का अगला कदम एआईबीए से अधिकारिक मान्यता प्राप्त करना होगा। विश्व संस्था के दिसंबर में अपनी बैठक के दौरान औपचारिकता पूरी करने की उम्मीद है।

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