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बीसीसीआई को पहले टेस्ट के लिए 58.66 लाख रुपये खर्च करने की अनुमति

उच्चतम न्यायालय ने आज राज्य क्रिकेट संघों द्वारा भारत-इंग्लैंड टेस्ट श्रृखंला के आयोजन को लेकर उत्पन्न की गयी बाधाओं को हटाते हुए बीसीसीआई को कल से शुरू होने वाले पहले मैच के लिये 58.66 लाख रूपये खर्चा करने की अनुमति दे दी और साथ ही चेताया भी कि इस राशि का कोई भी हिस्सा मेजबान सौराष्ट्र क्रिकेट संघ को नहीं दिया जायेगा।
बीसीसीआई को पहले टेस्ट के लिए 58.66 लाख रुपये खर्च करने की अनुमति

शीर्ष अदालत ने भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली समिति को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के कार्य के आकलन के लिये और अधिकार देते हुए 2017 में घरेलू, अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल मैचों के आयोजन के लिये कंपनियों के साथ हुए सैकड़ों अनुंबधों की जांच की भी अनुमति दी।

इसने कहा कि पहले मैच के लिये की गयी व्यवस्था तीन दिसंबर तक आयोजित किये जाने वाले टेस्ट मैचों तक जारी रहेगी जबकि वह इस मामले की सुनवाई करेगा जो पहले से ही तय है। प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की पीठ की अध्यक्षता ने बीसीसीआई के सचिव अजय शिर्के सहित उसके शीर्ष अधिकारियों द्वारा पैनल के साथ संवाद में लोढा पैनल के खिलाफ की जाने वाली भाषा का भी कड़ा संज्ञान लिया।

लोढा समिति के सचिव और वकील गोपाल शंकर नारायण ने शिकायत की कि उनके द्वारा पैनल के लिये शब्दों के इस्तेमाल और जारी बयान निरंतर अपमान करने के समान हैं जिसमें भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल हैं।

पीठ में न्यायाधीश एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूढ़ भी शामिल थे, जिन्होंने बीसीसीआई का पक्ष पेश करने वाले सीनियर वकील कपिल सिब्बल का ध्यान बोर्ड के सचिव के पत्र के कुछ वाक्यों पर भी आकर्षित कराया और कहा देखिये शिर्के ने किस तरह की भाषा का इस्तेामल किया है।

उच्चतम न्यायालय ने सीनियर वकील और इस मामले में उसकी सहायता कर रहे वकील गोपाल सुब्रमण्यम द्वारा की गयी प्रस्तुतियों का संज्ञान लिया कि बीसीसीआई शीर्ष अदालत के निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहा है, जो आज पीठ के समक्ष रखी गयी लोढा समिति की दूसरी रिपोर्ट से स्पष्ट था।

प्रस्तुति से सहमति जताते हुए और लोढा पैनल की बीसीसीआई के कामकाज पर निगरानी के लिये सचिवालय स्तरीय सहयोग की जरूरत की मांग पर पीठ ने कहा, यह उचित है और समिति को विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों को शामिल करने का अधिकार दिया जाता है क्योंकि इस मांग का बीसीसीआई द्वारा विरोध नहीं किया गया। पीठ ने कहा, ऐसे हालात में हम समिति को अधिकार देते हैं कि वह इस 2017 सत्र में आयोजित होने वाले विभिन्न घरेलू, अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल मैचों के लिये अनुबंधों के लिये बीसीसीआई का भुगतान सुनिश्चित करने के लिये प्रशासनिक, सचिव स्टाफ और विशेषज्ञों को शामिल कर सकता है।

पीठ ने कहा कि विशेषज्ञों और सचिव स्टाफ का पारिश्रमिक भी समिति द्वारा तय किया जायेगा और भुगतान का निर्वाह बीसीसीआई द्वारा किया जायेगा।

 इसके विपक्ष में सिब्बल ने कहा, आज, हमें एक आदेश की जरूरत है क्योंकि टेस्ट मैच कल से शुरू हो रहा है और कोई भी धनराशि जारी नहीं की गयी हैं। समिति को धनराशि जारी करने का निर्देश दिया जाये, वर्ना मैच का आयोजन नहीं होगा। उन्होंने कहा, बीसीसीआई और इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के बीच एक अनुबंध है।

सिब्बल ने साथ ही जोड़ा कि इसका राज्य संघों को कोई लेना-देना नहीं है जो समिति की सिफारिशों का पालन नहीं कर रही हैं।

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