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कुंबले चाहते हैं कि कप्तान की तरह सोचें भारतीय गेंदबाज

भारतीय कोच की अपनी भूमिका में नेतृत्व शैली पर अपने निष्पक्ष विचार रखते हुए अनिल कुंबले ने आज कहा कि वह गेंदबाजों में आत्मविश्वास भरने की कोशिश करेंगे क्योंकि वह उन्हें नेतृत्वकर्ता के तौर पर विकसित करना चाहते हैं।
कुंबले चाहते हैं कि कप्तान की तरह सोचें भारतीय गेंदबाज

कुंबले जब खेला करते थे तब स्वयं प्रेरणादायी खिलाड़ी थे और मुख्य कोच का पद संभालने के बाद खिलाडि़यों के साथ उन्होंने बुधवार को पहली बार बात की। वेस्टइंडीज दौरे के लिये अभ्यास शिविर बुधवार ही से शुरू हुआ। कुंबले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं आकलन करूंगा कि टीम को कैसे ढालना है और अभी मैं गेंदबाजों पर ध्यान देना चाहूंगा। मैं इस पर गौर कर रहा हूं। मैं गेंदबाजों को करीब से समझकर पता करूंगा कि उनकी क्या जरूरतें हैं और तब संभवत: तेज गेंदबाजी कोच को टीम से जोड़ने की कोशिश करूंगा। मैं इस पर विचार कर रहा हूं। गेंदबाजी ऐसा विभाग है जिसमें मैं योगदान दे सकता हूं।

उन्होंने कहा, जब मैं खिलाड़ी था तब मैं सोचता था जैसे कि गेंदबाजी करते समय आप स्वयं कप्तान हो और मैं गेंदबाजों में यह अहसास जगाने की कोशिश करूंगा। यह महत्वपूर्ण है। उन सभी को हर हाल में यह सोचना चाहिए कि वे नेतृत्वकर्ता हैं। विश्व में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में तीसरे स्थान पर काबिज इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि वह मेंटर की भूमिका को समझते हैं और कहा कि वह पृष्ठभूमि में रहकर खिलाडि़यों की मदद करेंगे। उन्होंने कहा, मैदान पर चुनौतियों को देखते हुए मैं टीम को तैयार करना चाहूंगा। हम, सहयोगी स्टाफ पृष्ठभूमि में रहकर काम करेंगे। खिलाड़ी आगे रहेंगे। मैं खिलाड़ी रहा हूं और अब कोच हूं और इसलिए मैं दोनों भूमिकाओं को अच्छी तरह से समझता हूं। यह अलग तरह की भूमिका है ओर मैं निश्चित रूप से भूमिका को समझता हूं।

कुंबले ने कहा, कोच की भूमिका पृष्ठभूमि में रहकर मदद करना है और मैदान पर सारे फैसले कप्तान को करने होते हैं। मैं उन्हें केवल रणनीति में जरूरी जानकारी देकर मदद कर सकता हूं। तैयारियों या फिर कप्तान या खिलाड़ी के रूप में मैंने जो भी हासिल किया है वह मैं उन तक पहुंचाने की कोशिश करूंगा। इस 45 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि सभी खिलाडि़यों के साथ संवाद स्थापित करना महत्वपूर्ण है। इनमें वे खिलाड़ी भी शामिल हैं जो अंतिम एकादश में नहीं हैं। उन्होंने कहा, कप्तान नेतृत्व करता है। कोच के रूप में मुझे टीम को तैयार करना होगा और कप्तान और टीम को बेहतर रणनीति के लिये जानकारी देनी होगी। टीम केवल अंतिम एकादश तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि इसमें वे छह-सात खिलाड़ी भी शामिल होंगे जो नहीं खेल रहे होंगे। कुंबले ने कहा, मुझे एक दौरे के लिये नहीं चुना गया। मैं जानता हूं कि उस समय कोच के लिये संवाद बनाये रखना काफी महत्वपूर्ण होता है कि वह फोन उठाकर खिलाड़ी से कहे कि वह चिंता नहीं करे। उम्मीद है कि मैं खिलाडि़यों के साथ संवाद स्थापित करने में सफल रहूंगा। कुंबले को पूरी उम्मीद है कि वेस्टइंडीज दौरे में भारत अच्छा परिणाम हासिल करेगा जहां टीम चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगी। उन्होंने कहा, पिछली बार जब हम वेस्टइंडीज गये तो हमने 1-0 से श्रृंखला जीती थी और हम उस विश्वास के साथ आगामी श्रृंखला में जाएंगे। भारतीय टीम टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। हमारी वेस्टइंडीज में टेस्ट श्रृंखला जीतने की अच्छी संभावना है और हम वहां जीत के लिये जाएंगे। कुंबले ने कहा, पिछली बार जब हमने श्रृंखला जीती थी तब इशांत शर्मा मैन आफ द सीरीज रहा था। विराट, मुरली विजय और अमित मिश्रा ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था इसलिए खिलाडि़यों को वहां की परिस्थितियों का थोड़ा अनुभव है। मैं भी पहले वहां का दौरा कर चुका हूं इसलिए मैं भी योगदान दूंगा।

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