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टीम इंडिया ने श्रीलंका को उसी की धरती पर 3-0 से हराकर 85 साल बाद रचा इतिहास

इस सीरीज के जीतने के साथ ही ये टीम विदेशी धरती पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में सूपड़ा साफ करने वाली पहली भारतीय टीम बन गई है। इसके अलावा श्रीलंका में नौ टेस्ट मैच जीतने वाली भारत पहली विदेशी टीम है।
टीम इंडिया ने श्रीलंका को उसी की धरती पर  3-0 से हराकर 85 साल बाद रचा इतिहास

भारत ने कैंडी के पल्लेकेले में खेले गए तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में श्रीलंका को पारी और 171 रन से हराकर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप किया। इससे पहले दो टेस्ट मैचों में विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम मेजबानों पर पूरी तरह से हावी रही है।

गॉल में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत ने श्रीलंका को 304 रन से मात दी थी, जबकि दूसरे टेस्ट मैच में उसने मेजबानों को पारी और 53 रनों से शिकस्त देकर सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त ले ली थी। इस सीरीज की जीत के साथ ही ये टीम विदेशी धरती पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में सूपड़ा साफ करने वाली पहली भारतीय टीम बन गई है। इसके अलावा श्रीलंका में नौ टेस्ट मैच जीतने वाली भारत पहली विदेशी टीम है।

धवन और पंड्या ने जड़े शतक

श्रीलंका की टीम भारत के 487 रन के जवाब में फॉलोओन खेलने उतरी थी लेकिन मेजबान टीम दूसरी पारी में तीसरे दिन 181 रन पर ढेर हो गई। भारत की ओर से कुलदीप यादव ने 4, रविचंद्रन अश्विन और मोहम्मद शामी ने 2-2 विकेट चटकाए। हार्दिक पंड्या को भी 1 विकेट मिला।

इससे पहले तीसरे और अंतिम टेस्ट में ओपनर शिखर धवन और हार्दिक पंड्या की शतकीय पारियों की बदौलत भारत की पहली पारी 487 रन पर ऑलआउट हो गई। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के छठे टेस्ट शतक और लोकेश राहुल के साथ उनकी पहले विकेट के लिये 188 रन की साझेदारी की। श्रीलंका की ओर से संदकन ने सबसे ज्यादा 5 विकेट झटके, जबकि पुष्पकुमारा को 3 और फर्नांडो को 2 विकेट मिले।

इसके जवाब में श्रीलंका की टीम पहली पारी में 135 रन पर सिमट गई। भारत की तरफ से कुलदीप यादव ने 4, शमी और अश्विन ने 2-2 विकेट लिए। हार्दिक पांड्या ने भी 1 विकेट झटका। पहली पारी के आधार पर टीम इंडिया के पास 352 रन की बढ़त थी। इसके बाद टीम इंडिया ने मेजबान को फॉलोओन खेलने के लिए आमंत्रित किया लेकिन इस बार भी श्रीलंका 181 रन पर ऑलआउट हो गई।

 इसी के साथ ही भारत ने 1932 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू के बाद से 85 साल के इतिहास में विदेशी सरजमीं पर 2 से ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में पहली बार सूपड़ा साफ किया है। इससे पहले टीम इंडिया ने साल 2004 में बांग्लादेश और 2005 में जिम्बाब्वे में सीरीज क्लीन स्वीप की थी, लेकिन वो सिर्फ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज थी।

 विराट कोहली भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 85 सालों के इतिहास में पहले ऐसे कप्तान हैं, जिनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने पहली बार विदेश में 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से वाइटवॉश किया है। उनसे पहले कोई भी भारतीय कप्तान विदेशी सरजमीं पर 3 या उससे ज्यादा टेस्ट मैचों की सीरीज को क्लीन स्वीप नहीं कर सका है।

दो सीरीज जीतने वाले पहले कप्तान 

 विराट अब ऐसे पहले भारतीय कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ उसके घरेलू मैदान में दो बार टेस्ट सीरीज जीती है। भारत ने इससे पहले वर्ष 2015 में विराट की कप्तानी में ही 2-1 से सीरीज पर कब्‍जा जमाया है। इससे पहले भारत ने पूर्व कप्‍तान मोहम्‍मद अजहरुद्दीन की कप्‍तानी में वर्ष 1993 में श्रीलंका टीम को उसके हीमैदान में हराकर एक टेस्‍ट सीरीज जीती थी।

 इसके साथ ही टेस्ट इतिहास में यह पहला मौका भी है, जब भारत ने श्रीलंका में हो रही टेस्ट सीरीज में 2-0 की बढ़त हासिल की है। वहीं श्रीलंकाई मैदान पर भारत की ये लगातार चौथी टेस्ट जीत है। पिछले दोनों मैच भारत ने 2015 की सीरीज में जीते थे। विराट की कप्‍तानी में यह टीम इंडिया की लगातार आठवीं सीरीज जीत है। जिसके बाद लगातार टेस्ट सीरीज जीत के मामले में विराट ने ऑस्ट्रेलिया टीम के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ को पीछे छोड़ दिया. जिन्होंने अपने करियर में लगातार सात सीरीज जीती थीं।

 विराट कोहली ने 2015 से 2017 के बीच आठ टेस्ट सीरीज में श्रीलंका, साउथ अफ्रीका, वेस्ट इंडिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका को मात दी थी। सबसे ज्यादा सीरीज जीतने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के नाम पर है, जिन्होंने साल 2005 से 2008 के बीच लगातार 9 सीरीज पर कब्‍जा जमाया था।

 

 

 

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