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डीडीसीए को हाईकोर्ट की दो टूक, एक करोड़ जमा करो फिर होगा टेस्ट

दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) पर मंगलवार को एक साथ दो-दो गाज गिरी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शर्त रखी है क डीडीसीए को बकाया मनोरंजन कर 24.45 करोड़ रुपये में से कम से कम एक करोड़ रुपये जमा करना होगा, तभी भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथा टेस्ट मैच हो सकता है। उधर, दिल्ली सरकार ने भी यह सिफारिश कर डीडीसीए की मुश्किलें बढ़ा दी कि बीसीसीआई द्वारा इस संस्‍था को निलंबित कर देना चाहिए। साथ ही सरकार ने इसकी जगह पेशेवर क्रिकेटरों की अंतरिम ‌समिति नियुक्त करने की सिफारिश की है।
डीडीसीए को हाईकोर्ट की दो टूक, एक करोड़ जमा करो फिर होगा टेस्ट

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथे क्रिकेट टेस्ट की मेजबानी को लेकर डीडीसीए में गतिरोध पहले की तरह बना हुआ है क्योंकि राज्य सरकार के कर विभाग ने तीन से सात दिसंबर के बीच होने वाले मैच के लिए अभी तक मंजूरी नहीं दी है। डीडीसीए को मैच आयोजन की मंजूरी हासिल करने के लिये 24 करोड़ 45 लाख रूपये का मनोरंजन कर का भुगतान करना है।

डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान और कोषाध्यक्ष रविंदर मनचंदा ने इस मुद्दे को लेकर कल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की।    मनचंदा ने कहा, ‘ मैं और चेतन चौहान कल मुख्यमंत्री से मिले और हमने उन्हें बताया कि मनोरंजन कर बहुत अधिक लगाया गया है। केजरीवाल ने हमें संबंधित कर आयुक्त संजय कुमार से संपर्क करने के लिए कहा।’

उन्होंने कहा, ‘ जब हम कर आयुक्त से मिले तो उन्होंने अपील दायर करने को कहा। छूट पर कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन उन्होंने कहा कि वह कर राशि को अलग करके एक पत्रा जारी करेंगे। जिसका मतलब था कि टेस्ट समाप्त होने के बाद मामला सुलभुााया जाएगा। हमें आयुक्त कुमार के कार्यालय में चार बजे पहुंचने के लिये कहा गया। जब हम वहां पहुंचे तो कुमार ने हमसे कहा कि वह देर शाम उनसे मिलें।’ डीडीसीए अगर समय सीमा के भीतर स्वीकृति हासिल करने में नाकाम रहा है तो बीसीसीआई ने तीन दिसंबर से शुरू हो रहे अंतिम टेस्ट के लिए पुणे को विकल्प के तौर पर रखा है।

दिल्ली सरकार की रिपोर्ट उस दिन सौंपी गई है जब तीन दिसंबर से भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के आयोजन के लिए संबंधित अधिकारियों से सभी तरह की स्वीकृति हासिल करने के लिए बीसीसीआई की डीडीसीए को दी गई समय सीमा समाप्त हो रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार जांच समिति ने शहर में क्रिकेट प्रशासन को चलाने के लिए क्रिकेटरों की पेशेवर संस्था की नियुक्ति की सिफारिश की है और कहा है कि डीडीसीए में वित्तीय धोखाधड़ी सहित अन्य कथित अनियमितताओं की जांच के लिए जांच आयोग का गठन किया जाना चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि सतर्कता विभाग के प्रधान सचिव चेतन सांघी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने साथ ही क्रिकेट प्रशासन को सूचना का अधिकार कानून के अंतर्गत लाने की सिफारिश की है जिससे कि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। पैनल का मानना है कि उसकी रिपोर्ट आईपीएल सट्टेबाजी प्रकरण के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति को सौंपी जानी चाहिए। लोढ़ा समिति फिलहाल बीसीसीआई की कार्यशैली में सुधार के लिए सुझाव तैयार करने पर काम कर रही है।

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