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डीआरएस कोई राकेट साइंस नहीं: कोहली

इंग्लैंड के खिलाफ कल से शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के लागू होने से भारतीय क्रिकेट टीम की नींद नहीं उड़ी है और भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि यह रैफरल प्रक्रिया कोई राकेट साइंस नहीं है।
डीआरएस कोई राकेट साइंस नहीं: कोहली

राजकोट के एससीए स्टेडियम में कल से शुरू होने वाले पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर मेजबान टीम के कप्तान कोहली ने कहा,  डीआरएस में कोई राकेट साइंस नहीं है। एक क्रिकेटर के रूप में आपको समझ होती है, आपको जानकारी होती है कि गेंद पैड से कहां टकराई है, सही जगह पिच हुई या टकराई थी या नहीं। यह क्रिकेट की सामान्य चीजें हैं। यह जरूरी नहीं कि डीआरएस के लिए आपको कोई कोर्स करना पड़े।

कोहली ने कहा, मुझे लगता है कि हमने काफी सीखा है कि डीआरएस का इस्तेमाल कैसे होता है। अगर रैफरल लिया जाना है तो यह काफी हद तक इस पर निर्भर करता है कि गेंदबाज और विकेटकीपर विशिष्ट मामले को लेकर क्या सोचते हैं। यह सामान्य सी बात है। ऐसा नहीं है कि हम इस पर काफी ध्यान लगा रहे हैं। यह आपको सिर्फ उस फैसले को दोबारा देखने का मौका देता है जो आपको लगता है कि सही नहीं है। और मुझे लगता है कि यह उचित है।

अन्य सभी देशों द्वारा द्विपक्षीय श्रृंखला में स्वीकार की गई डीआरएस प्रणाली का लगातार विरोध करने के बाद बीसीसीआई हाल में इसे लेकर झुका है और प्रयोग के तौर पर इसका इस्तेमाल करने का फैसला किया है। कोहली ने हालांकि इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक और तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्राड के इन बयानों को अधिक तवज्जो नहीं दी जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि उनकी टीम श्रृंखला में प्रबल दावेदार नहीं है। इस साल दो दोहरे शतक जड़ने वाले कोहली ने कहा, मुझे लगता है कि कुछ टीमें श्रृंखला की शुरूआत आकर्षण से दूर रहकर करना चाहती है और इसके बाद विरोधी को हैरान करना चाहती हैं लेकिन हम इन चीजों से अवगत हैं। हम अतीत में भी इस तरह की रणनीति का सामना कर चुके हैं।

उन्होंने कहा, लेकिन साथ ही हम काफी आगे के बारे में नहीं सोचना चाहते। हमें पता है कि हमें क्या करने की जरूरत है, इसलिए हम इस तरह की तारीफ में नहीं बहने वाले। साथ ही आलोचना में भी। अगर टीम प्रबंधन या खेल से ताल्लुक रखने वाले लोग सकारात्मक आलोचना करते हैं तो इसका हमेशा स्वागत है।

भारत की ओर से 48 टेस्ट खेलने वाले कोहली ने कहा कि टीम अब मैच जीतने में यकीन करती है और सिर्फ प्रतिस्पर्धी नहीं बने रहना चाहती।

कोहली ने कहा, मानसिकता अब सिर्फ प्रतिस्पर्धा पेश करने की नहीं है। हम श्रृंखला जीतना चाहते हैं, हम टेस्ट मैच जीतना चाहते हैं। इसके लिए आपको हमेशा अपना शीर्ष खेल दिखाना होता है और अपने शीर्ष खेल में सुधार करना होता है। यह मानसिकता है और खिलाड़ी चुनौती के लिए तैयार हैं।

भारतीय कप्तान ने कहा कि टीम ने पिछली श्रृंखला में भले ही न्यूजीलैंड का 3-0 से क्लीनस्वीप किया हो लेकिन भारत के प्रदर्शन में कुछ खामियां थी जिन्हें दूर करने की जरूरत है। कोहली ने कहा, वेस्टइंडीज से लौटने के बाद से ही हमें पता था कि घरेलू सत्र काफी कड़ा होने वाला है। हमें न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया जैसी स्तरीय टीमों का सामना करना है जो टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। इसलिए हमें पता है कि घरेलू सत्र कड़ा होने वाला है। कुछ ऐसे विभाग हैं जिन पर हमने ध्यान दिया है जिनमें सुधार की जरूरत है।

भारतीय सरजमीं पर 1987 के बाद पहली बार पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला हो रही है और लंबी टेस्ट श्रृंखला के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं के बारे में पूछने पर कोहली ने कहा कि यह सब मैच के लिए लय हासिल करने पर निर्भर करता है। भारतीय कप्तान ने कहा, हां, काफी समय से हमने पांच टेस्ट नहीं खेले हैं। पहले मैच से मिली लय को लेकर इसके अपने फायदे और नुकसान हैं। टेस्ट मैच श्रृंखला में लय काफी महत्वपूर्ण होती है और यह टीम को पूरी श्रृंखला के लिए बेहतर स्थिति बनाने का मौका देता है क्योंकि यह काफी लंबी श्रृंखला है और आपको काफी क्रिकेट खेलना है।

उन्होंने कहा, लय अहम चीज है जिसके आधार पर फायदा और नुकसान निर्भर करता है। पहले मैच से मिली लय परिभाषित करती है कि टीम के रूप में आप फायदे की स्थिति में हैं या नुकसान की स्थिति में। कोहली से जब श्रृंखला के पहले मैच में तीन स्पिनरों को उतारने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा, बेशक इस समय मैं संयोजन के बारे में बात नहीं करूंगा। मैं नहीं कहूंगा कि इंग्लैंड को जूझना पड़ा, पहले मैच में (बांग्लादेश में) वे काफी अच्छा खेले। दूसरे मैच में बांग्लादेश अपने हालात में बेहतर खेला। हमें पता है कि इंग्लैंड ऐसी टीम है जिसने पिछली बार भारत में अच्छा प्रदर्शन किया था। हम काफी अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन किसी को कमतर नहीं आंकने वाले।

भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पिछली तीन श्रृंखलाओं में शिकस्त झेलनी पड़ी है लेकिन कोहली ने इसे अधिक तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा, हम इन चीजों के बारे में नहीं सोचते, अतीत में जो हुआ, हम पीछे जाकर इसे नहीं बदल सकते। हम सिर्फ आगे देख सकते हैं और भविष्य में क्या कर सकते है वह सोच सकते हैं। यह अच्छा क्रिकेट खेलना और टीम के रूप में प्रदर्शन करना है।

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