उत्तर प्रदेश में अपनी खोई पैैठ बढ़ाने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास कर रही है। अंबेडकर की विचारधारा को ध्यान में रखते हुए दलित समाज को अपने से जोड़ने के लिए पार्टी ने भीम ज्योति यात्रा का पिछले साल सफल आयोजन किया। अब वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त को भीम भोज का आयोजन करेगी।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को वाराणसी के एक गांव में दलितों के साथ भोजन किया। समरसता भोज नाम के इस कार्यक्रम पर तंज कसते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि संदेश देने के लिए उन्होंने भी मजदूरों के साथ भोजन किया था, लेकिन कभी उनकी जाति नहीं पूछी थी।
भाजपा समाज के सभी वर्गों का समर्थन हासिल करने के लिए तरह तरह के जुगत लगा रही है। उसे लगता है कि सवर्ण उसके साथ हैं। लिहाजा वह पिछड़ी जाति पर अब डोरे डाल रही है। उज्जैन में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने दलित साधुओं के साथ कुंभ स्नान किया और संतों के साथ भोजन किया।
वह जमाना गया जब कहा जाता था कि ‘जात न पूछो साधु की’। इस बार सिंहस्थ कुंभ के अवसर पर पवित्र क्षिप्रा में भाजपा नेताओं-मुख्यमंत्री और साधुओं ने ‘दलित’ कोटे के तहत वाल्मीकी घाट पर स्नान किया। वैसे यह समरसता का स्नान था, लेकिन अन्य साधु-संतों और भक्त जनता को बता दिया गया कि दलित साधु-संत की अपनी महत्ता है।
सिंहस्थ कुंभ मे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में बुधवार को आयोजित सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप पुरानी घोषणा के मुकाबले बदला नजर आया। आयोजन में दलित समुदाय के संतों के साथ अन्य हिन्दू पंथों और संप्रदायों के धर्मगुरू भी शामिल हुए।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान बुधवार को पहले वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं के साथ स्नान किया फिर बाद में समरसता भोज के तहत भोजन भी ग्रहण किया।