एक बार फिर वही धुन। प्रिंट, टी.वी., वेब, मोबाइल फोन, फेसबुक, टि्वटर जैसे हर सूचना-संचार माध्यमों पर चुनावी राजनीति में बाहुबलियों के प्रभाव, पहचान, लोकप्रियता अथवा आतंक से जुड़ी सफलता, चुनाव में विजय की चिंता निरंतर हो रही है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी बाहुबलियों के सहारे चुनावी नैया पार लगाने में जुटे हुए हैं। गाजियाबाद की चुनावी सभा में अखिलेश की मौजूदगी में बाहुबली इश्ते प्रधान को समाजवादी पार्टी में शामिल कराया गया।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद ले रही कांग्रेस विपक्ष के बाहुबली प्रत्याशियों के खिलाफ मजबूत और जुझारू महिला नेताओं को उतारेगी।