हिंदी कवियों की नजर में रमेश चंद्र झा 8 मई 1928 को बिहार के चंपारण में जन्मे रमेश चंद्र झा एक कवि और कथाकार के रूप में जितने चर्चित हुए, उससे कहीं... MAY 08 , 2023
चंपारण के इतिहास में रमेशचंद्र झा का हिस्सा बिहार के मोतिहारी जिले में सुगौली थाना के पास एक गाँव पड़ता है, फुलवरिया । इसी गाँव में रमेशचन्द्र झा... MAY 08 , 2023
पुस्तक समीक्षा: परीखाने की सेनानी इन दिनों ऐतिहासिक उपन्यासों का दौर है। ऐसे में अवध के नवाब वाज़िद अली शाह की छोटी बेग़म के रूप में मशहूर... MAY 04 , 2023
पुस्तक समीक्षा: समय-बोध का शंखनाद वर्तमान की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति कविता से बढ़कर कहीं और शायद ही मिले, बशर्ते कवि सच्चाई को दर्ज करने का... MAY 03 , 2023
पुस्तक समीक्षा : किसान बनाम सरकार: आंदोलन की कहानियां बीते दिनों एक क़िताब एक नए प्रकाशन बैनर, द फ़्री पेन, के तहत आई है, जिसकी चर्चा ज़रूरी है. क़िताब है, किसान... APR 29 , 2023
उर्दू जबान का होगा जश्न, तहजीब की सजेगी महफिल, एडवांटेज रूबरू-6 के मंच पर जुटेंगे हिंदुस्तानी भाषा के सितारे उर्दू जबान मोहब्बत की जबान है। इसमें भारत की आत्मा बसती है। उर्दू जबान के रंग और हुस्न का जश्न मनाने की... APR 29 , 2023
आवरण कथा/प्रतिरोध के स्वर: बगावत में बार-बार कविता क्यों याद आती है? “बगावत में बार-बार कविता क्यों याद आती है? प्रतिरोध की कविता जमीन पर फेल क्यों हो जाती है?” वह 2017 की... APR 26 , 2023
प्रतिरोध के स्वर: कविता, जैसे कोलाहल में सांस “बगावत में बार-बार कविता क्यों याद आती है? प्रतिरोध की कविता जमीन पर फेल क्यों हो जाती है?” वह 2017 की... APR 23 , 2023
आवरण कथा/नजरिया: उर्दू दिलों को जोड़ती है “आज भी जो उर्दू भाषा का रंग है, हुस्न है, मोहब्बत है, वह किसी साहित्यिक संस्था के कारण नहीं है” जावेद... APR 22 , 2023
साहिर और अमृता की खूबसूरत मोड़ पर छूटी प्रेम कहानी अमृता के जीवन में जो दो मुख्य पुरुष आए, वह साहिर और इमरोज थे। इन्हीं के कारण अमृता जीते जी एक किवदंती बन... APR 20 , 2023