Advertisement

Search Result : " सुशांत दत्तागुप्ता"

प्रणब ने मानी सरकार की बात, वीसी को बर्खास्त किया

प्रणब ने मानी सरकार की बात, वीसी को बर्खास्त किया

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आखिरकार सरकार की बात माननी पड़ी। देश के इतिहास में पहली बार केंद्रीय विश्वविद्यालय के किसी कुलपति को राष्ट्रपति ने बर्खास्त किया है। यह मामला केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद विश्व भारती के कुलपति सुशांत दत्तागुप्ता को हटाने से जुड़ा है।
प्रणब ने फिर लौटाई विश्वभारती के कुलपति को हटाने की सिफ‌ारिश

प्रणब ने फिर लौटाई विश्वभारती के कुलपति को हटाने की सिफ‌ारिश

राष्ट्रपति कार्यालय ने तीन महीने में दूसरी बार विश्वभारती के कुलपति सुशांत दत्तागुप्ता को हटाने की सिफारिश से संबंधित मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय की फाइल इस मुद्दे पर एक सवाल के साथ वापस कर दी।
सुशांत का धोनी अवतार

सुशांत का धोनी अवतार

सुशांत सिंह राजपूत में प्रतिभा है यह बात वह साबित भी करना चाहते हैं। एक खिलाड़ी के जीवन पर बन रही फिल्म में वह खूब मेहनत कर रहे हैं।
विश्व भारती के कुलपति ने दिया इस्तीफा

विश्व भारती के कुलपति ने दिया इस्तीफा

पश्चिम बंगाल स्थित शांति निकेतन के विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति ने आर्थिक और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद इस्तीफा दे दिया है।
विश्वभारती के कुलपति को बर्खास्त करने की अनुशंसा

विश्वभारती के कुलपति को बर्खास्त करने की अनुशंसा

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वभारती विश्वविद्यालय (शांति निकेतन) के कुलपति सुशांत दत्तगुप्ता को बर्खास्त करने की अनुशंसा की है। अगर उनकी बर्खास्तगी हुई तो इस तरह हटाए जाने वाले वे किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हो सकते हैं।
तिग्मांशु से यारी हो गई अमित साध की

तिग्मांशु से यारी हो गई अमित साध की

फिल्मों में जमने के लिए क्या फार्मूला है। सही मायनों में कोई तयशुदा फार्मूला नहीं होता हां एक बात है जो आपके पक्ष में होनी चाहिए और वह है किसी बेहतरीन निर्देशक से अच्छी ट्यूनिंग। यह ट्यूनिंग न इतनी आसान होती है न आसानी से बनती है। लेकिन अमित साध इसमें सफल रहे हैं।
फिल्म समीक्षाः डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्‍शी

फिल्म समीक्षाः डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्‍शी

दो साल के अंतराल के बाद दिबाकर बनर्जी अपनी नई फिल्म डिटे‌क्टिव ब्योमकेश बक्‍शी के साथ लोगों के सामने हैं। बनर्जी ने प्रसिद्ध बांग्ला लेखक शार्देंदू बंद्योपाध्याय रचित प्रसिद्ध चरित्र ब्योमकेश बक्‍शी को केंद्र में रखकर दूसरे विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि में उस दौर के कोलकाता और युद्ध के दौरान जापानी सेना के भारत में लगातार बढ़ते अभियान के साथ-साथ चीनी और जापानी ड्रग माफिया की कहानी को एक सस्पेंस थ्रिलर के रूप में पेश किया है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement