केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) लागू करने के लिए राज्यों को छह महीने का और समय दिया है। खाद्य कानून लागू करने के लिए समय सीमा को पहले ही दो बार बढ़ाया जा चुका है और आखिरी बार बढ़ाई गई सीमा शनिवार को चार अप्रैल को समाप्त हो रही है।
इस वर्ष केंद्रीय बजट में जब निर्धन वर्ग के कार्यक्रमों, ग्रामीण व सामाजिक क्षेत्रों में बड़ी कटौतियां की गई तो कहा गया था कि इसकी क्षतिपूर्ति राज्य सरकारों के बजट में हो जाएगी क्योंकि राज्य सरकारों को 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर करों का अधिक हिस्सा आबंटित हो रहा है। पर अधिकांश राज्य सरकारों के बजट में कटौतियों की पूर्ण व पर्याप्त भरपाई का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। उदाहरण के लिए राजस्थान सरकार के बजट में यह स्पष्ट नजर आता है कि इन उच्च प्राथमिकता क्षेत्रों में हुई कटौतियों की पर्याप्त क्षतिपूर्ति राज्य सरकार के बजट में नहीं हो सकी है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने 17 राज्यों के खिलाफ अपने कड़े रूख का इजहार किया है। इन राज्यों के पास मैला ढोने में शामिल महिलाओं की पहचान को लेकर रिपोर्ट लंबित है।
चौदहवें वित्त आयोग की सिफारिश को अगर लागू कर दिया जाए तो बिहार, असम, त्रिपुरा और उत्तराखंड जैसे राज्यों का केंद्रीय करों में हिस्सा घट सकता है। इन राज्यों ने वित्त आयोग की सिफारिशों से अपनी नाराजगी जताई है।
केंद्र सरकार ने भारत को मैला प्रथा से मुक्त कराने की दिशा में देश भर से राज्य मंत्रियों की उच्च स्तरीय सम्मेलन बुलाया है। यह सम्मेलन दिल्ली के डीआरडीओ भवन में चल रही है और इसमें इस कुप्रथा के खात्मे के लिए अब तक उठाए गए कदमों की विवेचना हो रही है।
दिल्ली की नई सरकार में उप-मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे मनीष सिसोदिया के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। आउटलुक सिब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह से हुई सिसोदिया की बातचीत के प्रमुख अंशः
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से विचाराधीन कैदियों की रिहाई पर जवाब मांगा है। ये वे कैदी हैं जो अपने ऊपर आरोपों की अधिकतम सजा की आधी अवधि जेल में बिता चुके हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव मेें बंपर बहुमत हासिल कर चुके अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने से पहले केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने दिल्ली की अनाधिकृत बस्तियों को नियमित करने पर विचार विमर्श किया। अनाधिकृत बस्तियों का सवाल केजरीवाल के चुनाव अभियान का एक मुख्य मुद्दा था।