Advertisement

Search Result : "without Nitish ji"

एमएलसी चुनाव में पिछड़ गया महागठबंधन, भाजपा का डंका

एमएलसी चुनाव में पिछड़ गया महागठबंधन, भाजपा का डंका

बिहार विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहे जा रहे राज्य विधानपरिषद के 24 सीटों के चुनाव में बाजी राजग के हाथ लगी है। इन 24 सीटों में से 12 सीटें सीधे राजग को मिली हैं जबकि एक सीट राजग समर्थित निर्दलीय के हाथ लगी है। राज्य ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर बहुप्रचारित जनता महागठबंधन के हाथ 10 सीटें आई हैं।
ब‌िहार चुनावः व्यूह बने, समर शेष

ब‌िहार चुनावः व्यूह बने, समर शेष

बिहार विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए जहां चुनौती है वहीं राजद-जदयू के लिए बना अस्तित्व का सवाल। दोनों ही तरफ लामबंदी तेज हो गई है। चुनावी मुद्दे और टीम?ं सज रही हैं, जात‌ियों के इर्द-ग‌िर्द गोट‌ियां बैठाई जा रही हैं। जनता जनार्दन को अपन पक्ष में खींचने की कवायद तेज। बिहार व‌िधानसभा चुनावों में छुपा है देश की भव‌िष्य की राजनीत‌ि का राज। अगर नीतीश गठबंधन जीता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व‌िकल्प होंगे और अगर मोदी ने फतह क‌िया, तो उत्तर भारत पर पकड़ होगी मजबूत।
इमर्जेंसी पर आडवाणी की टिप्पणी को नीतीश का समर्थन

इमर्जेंसी पर आडवाणी की टिप्पणी को नीतीश का समर्थन

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की आपातकाल संबंधी टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार एेसी स्थिति का हर दिन सामना कर रहा है।
बेचारा नहीं रहा बिहार: नी‍तीश कुमार

बेचारा नहीं रहा बिहार: नी‍तीश कुमार

बिहार की राजनीति में अलग अंदाज में गठजोड़ करने में वह माहिर हैं। पुराने गठजोड़ों को नया रंग देने की कला में वह निपुण हैं। स्थिति के हिसाब से दुश्मनों को दोस्त और पुराने साथियों से अखाड़े में कुश्ती की कला में पारंगत हैं। जब ये लगने लगे कि बिहार उनके हाथ से निकल ही गया तो फिर वह अपनी नई चाल से खेवनहार बनने की दावेदारी पेश करते हैं। जिनको सत्ता से हटाने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी की कतारों को लामबंद किया, उन्हीं लालू प्रसाद यादव के साथ आज वह गलबहियां डाल उगता बिहार, नूतन बिहार के नारे के साथ वोट मांगने की तैयारी में हैं।
बिहार से निकलेगी दिल्‍ली की राह?

बिहार से निकलेगी दिल्‍ली की राह?

पुरानी राजनीति में पगे पर्यवेक्षक बार-बार पूछ रहे हैं कि लालू प्रसाद अपने अहम और जनाधार की आशंकाओं को ताक पर रखकर नीतीश के नाम पर राजी कैसे हो गए। लालू के निजी हावभाव भरमाने वाले भले रहे हों, सार्वजनिक तौर पर उनके वक्तव्य पिछले लोकसभा चुनावों में हार के बाद पिछले उपचुनावों के वक्त से ही भाजपा विरोधी संयुक्त मोर्चे के लिए प्रतिबद्धता के रहे हैं।
नीतीश के नाम पर आखिर क्यों मान गए लालू

नीतीश के नाम पर आखिर क्यों मान गए लालू

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार की घोषणा के बाद राजद नेताओं के बीच इस बात की खलबली मच गई कि अचानक यह सब कैसे हो गया। कल तक राजद प्रमुख लालू यादव इसके लिए असहमत थे लेकिन अचानक कैसे मान गए।
जदयू-राजद मिलकर लड़ेंगे चुनाव, नीतीश सीएम उम्‍मीदवार

जदयू-राजद मिलकर लड़ेंगे चुनाव, नीतीश सीएम उम्‍मीदवार

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने ऐलान किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव जनता दल (यूनाइटेड) और राष्‍ट्रीय जनता दल मिलकर लड़ेंगे और गठबंधन की ओर से मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मीदवार नीतीश कुमार होंगे। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने खुद सीएम पद के लिए नीतीश कुमार के नाम की सिफारिश की है। लालू प्रसाद यादव ने भी मुलायम सिंह यादव के इस ऐलान का समर्थन किया है। उनका कहना है कि मुलायम सिंह यादव जो भी निर्णय लेंगे उन्‍हें मंजूर है।
मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर राजद-जदयू में दरार

मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर राजद-जदयू में दरार

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के बीच गठबंधन में खटास की बड़ी वजह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर है। दोनों दलों के सूत्रों के मुताबिक अगर गठबंधन हो भी गया तो मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा इसको लेकर रस्साकसी चल रही है। राजद नेता नहीं चाहते कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव लड़ा जाए।
Advertisement
Advertisement
Advertisement