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नए दृष्टिकोण से 'शिवाजी'

नए दृष्टिकोण से 'शिवाजी'

इस दौर में जब इतिहास के पन्नों से महापुरुषों और महान व्यक्तियों को फिर से पाठको के समझ रखने का सिलसिला...
चिर युवा कृष्णा सोबती

चिर युवा कृष्णा सोबती

कृष्णा सोबती सबसे उम्र दराज ज्ञानपीठ विजेता हैं। 92 साल की उम्र में भी वह लेखन को लेकर उतनी ही सजग और...
फॉलो ऑन

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हिंदी जगत के जाने-माने क्रिकेट कमेंटेटर। क्रिकेट के मैदान से आंखों देखा हाल सुनाने के लिए प्रसिद्ध। हिंदी के अकेले ऐसे कमेंटेटर जिन्होंने रेडियो से लेकर टेलीविजन के युग तक हिंदी में श्रोताओं-दर्शकों के लिए क्रिकेट की शब्दावली को आगे बढ़ाया। हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित। राजकमल प्रकाशन से क्रिकेट पर आधारित कहानियों की किताब क्रिकेट का महाभारत प्रकाशित।
इस गुल्लक में जिंदगी खनकती है

इस गुल्लक में जिंदगी खनकती है

यह लेखिका की पहली किताब है और इस किताब से पहले इसका शीर्षक पास खींचता है। यह भले ही पहली किताब हो लेकिन कहीं कोई कच्चापन नहीं है। अनुभव के की आंच पर पकी यह पुस्तक पठनीय है।
अहसासों का अमृत कलश है ‘किनारे की चट्टान'

अहसासों का अमृत कलश है ‘किनारे की चट्टान'

‘किनारे की चट्टान’ काव्य संग्रह के लेखक के अनुसार कविता लिखना जटिल प्रक्रिया है। सच कहूं तो मुझे कविता की सारी टेक्निकल डिटेल का आज भी कोई खास पता नहीं है। बस, मन को जो चीज कचोटती है उसे पन्नों पर उतार लेता हूं और कविता बनने या न बनने का निर्णय पाठकों पर छोड़ देता हूं।’ ये बातें काव्य संग्रह ‘किनारे की चट्टान’ के लेखक पवन चौहान ने अपने काव्य संग्रह में कही हैं।
साहसिक आत्मकथा

साहसिक आत्मकथा

आत्मकथाएं वैसे भी अलग से रेखांकित की जाती हैं। ऐसे में यदि कोई आत्मकथा स्त्री द्वारा लिखी गई हो, इसके प्रति उत्सुकता बढ़ना स्वाभाविक है। और यदि यह आत्मकथा अध्यापक, आलोचक निर्मला जैन की हो तो जिज्ञासा कहां तक पहुंचेगी यह नापने का कोई पैमाना नहीं है।
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