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नोटबंदी से मनरेगा के 23.4 लाख ग्रामीणों को नहीं मिला काम, खाली हाथ लौटे

नोटबंदी से मनरेगा के 23.4 लाख ग्रामीणों को नहीं मिला काम, खाली हाथ लौटे

पीएम नरेंद्र मोदी नोटबंदी का कदम उठाकर इसे देश केे हित में बता रहे हैं पर इस कड़वी दवा का असर पड़ने लगा है। ग्रामीण इलाकों में दैनिक मजदूरी पर आधारित योजना मनरेगा को भी नोटबंदी ने जमकर प्रभावित किया है। रोजगार की गारंटी देने वाली इस स्कीम में पिछले महीने के मुकाबले नवंबर में 23 प्रतिशत रोजगार घटा है।
नोटबंदी : एटीएम-नकदी की कमी से भाजपा का दांव यूपी में कहीं उल्‍टा न पड़ जाए

नोटबंदी : एटीएम-नकदी की कमी से भाजपा का दांव यूपी में कहीं उल्‍टा न पड़ जाए

पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी लाकर देशभर में भ्रष्‍टाचार मिटाने की जो कोशिश की है उसमें अब पलीता लगने की आशंका व्‍यक्‍त की जा रही है। जगह जगह बैंकों में लगी लाइनें और एटीएम में नकदी का अभाव लोगाें को परेशान कर रहा है। देश के सबसे बड़े राज्‍य उत्‍तर प्रदेश में तो हाल और बुरा है।
नोटबंदी में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री : कर्ज वसूली 30 और वितरण 70 फीसदी गिरा

नोटबंदी में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री : कर्ज वसूली 30 और वितरण 70 फीसदी गिरा

पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद माइक्रोफाइनेंस इंडस्‍ट्री को सबसे गहरा धक्‍का पहुंचा है। देश के गांवों और कस्बों को वित्तीय समावेशी बनाने में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री अहम भूमिका निभाती है। माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की कर्ज वसूली और कर्ज वितरण की रफ्तार लगभग रुक गई है। कर्ज वसूली में 30 फीसदी और वितरण में 70 फीसदी की गिरावट आई है।
नोटबंदी से ग्रामीण परेशान, पीएम मोदी ने जो किया वह दुश्‍मन भी नहीं करता : येचुरी

नोटबंदी से ग्रामीण परेशान, पीएम मोदी ने जो किया वह दुश्‍मन भी नहीं करता : येचुरी

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के कदम के लिए मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए सोमवार को कहा कि ग्रामीण भारत को चोट पहुंचाने के लिए कोई दुश्‍मन भी नोटबंदी से बेहतर योजना नहीं बना सकता था।
आर्थिक संकट में मनरेगा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मांगे 10000 करोड़

आर्थिक संकट में मनरेगा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मांगे 10000 करोड़

गरीबों के लिए लाई गई योजना मनरेगा आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त आवंटन के बावजूद काम मांगने वालों की संख्या बढ़ने से सालभर के लिए आवंटित राशि खत्म हो गई है। गांव के गरीबों को रोजगार मुहैया कराने वाली योजना को आगे चलाने के लिए दस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई है।
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को अपने ही प्रदेश के डॉक्टर लगते हैं अड़ियल बैल

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को अपने ही प्रदेश के डॉक्टर लगते हैं अड़ियल बैल

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते विवादित बयान देने में आगे हैं। उनका एक और विवादास्पद बयान सामने आया है। इस बार उन्‍होंने अपने प्रदेश यानी मध्‍यप्रदेश के डॉक्‍टरों पर निशाना साधा है। उन्होंने मध्यप्रदेश के डाॅॅक्टरों को 'अड़ियल बैल' बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इन डाॅॅक्टरों पर किसी प्रकार की सख्ती नहीं की जा सकती। वह सख्‍ती करने पर पूरी तरह असमर्थ हैं।
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