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मोटर कारखाने के लिए जमीन ऑफर, टाटा ने सिंगूर की जमीन के 154 करोड़ वापस मांगे

मोटर कारखाने के लिए जमीन ऑफर, टाटा ने सिंगूर की जमीन के 154 करोड़ वापस मांगे

टाटा मोटर्स को बंगाल के गोआलतोड़ में मोटर कारखाना लगाने के लिए आधिकारिक तौर पर प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रही है ममता बनर्जी की सरकार। इस बारे में टाटा मोटर्स के आला अधिकारियों को अवगत कराया दिया गया है। बंगाल के वित्त एवं उद्योग मंत्री अमित मित्रा के अनुसार, टाटा की ओर से सकारात्मक संकेत मिले हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार, टाटा समूह के अधिकारियों ने एक और मसला उठा दिया है। गोआलतोड़ प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ने के पहले टाटा घराना चाहता है कि सिंगूर के मुआवजे के तौर पर कम से कम 154 करोड़ रुपए वापस किए जाएं। टाटा समूह ने वहां की जमीन अलॉट होने के समय राज्य सरकार को यह रकम चुकाई थी। वाममोर्चा की तत्कालीन सरकार ने वहां नैनो कार प्रोजेक्ट लगाने के लिए टाटा समूह को जमीन अलॉट की थी।
सिंगुर में ममता ने किसानों को जमीन लौटाई, कंपनियों को दिया निमंत्रण

सिंगुर में ममता ने किसानों को जमीन लौटाई, कंपनियों को दिया निमंत्रण

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सिंगूर में किसानों को जमीनों के पर्चा नामक कागजात और चेक सौंपे और कंपनियों को यह संदेश भेजा कि राज्य में वाहन उद्योग स्थापित करने की इच्छा रखने वाली किसी भी कंपनी का स्वागत है।
'भाजपा-इनेलो ने की थी 350 एकड़ जमीन छोड़ने की सिफारिश'

'भाजपा-इनेलो ने की थी 350 एकड़ जमीन छोड़ने की सिफारिश'

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मानेसर में अधिग्रहीत भूमि रिलीज करने के मामले में सीबीआइ के छापों पर भाजपा सरकार पर पलटवार किया है। हुड्डा ने कहा कि मानेसर में 912 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने के लिए 27 अगस्त 2004 को ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इनेलो-भाजपा गठबंधन सरकार ने सेक्टर चार के नोटिस जारी किए थे। गठबंधन की ही सरकार ने इसमें से 350 एकड़ भूमि को रिलीज करने की सिफारिश की थी।
रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को मध्य प्रदेश में मिली 40 एकड़ जमीन

रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को मध्य प्रदेश में मिली 40 एकड़ जमीन

योग गुरू रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को मध्य प्रदेश सरकार ने पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में 40 एकड़ जमीन आवंटित की है। यहां कंपनी करीब 500 करोड़ रुपए के निवेश से खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र लगाएगी। इस जमीन के लिए कंपनी को 10 करोड़ रुपए चुकाने होंगे।
बांग्लादेश का पहला ट्रक सामान लेकर सीमा शुल्क डिपो पहुंचा

बांग्लादेश का पहला ट्रक सामान लेकर सीमा शुल्क डिपो पहुंचा

बांग्लादेश से आयातित माल लेकर वहां का एक ट्रक आज सीधे भारतीय सीमा शुल्क के कोलकाता डिपो पहुंचा। ऐसा एक दूसरे के वाणिज्यिक वाहनों को प्रवेश देने के एक क्षेत्रीय समझौते के चलते संभव हुआ और भारतीय सीमा शुल्क विभाग ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताया है।
सिंगूर में कार कारखाने के लिए जमीन अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहराया

सिंगूर में कार कारखाने के लिए जमीन अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहराया

सिंगूर में टाटा समूह के द्वारा कार कारखाना लगाने के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहरा दिया है। अदालत ने बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह सिंगूर की जमीन को अपने कब्जे में ले और किसानों को 12 हफ्तों के भीतर वापस कर दे।
गुजरात उच्च न्यायालय ने ईबीसी आरक्षण अध्यादेश रद्द किया

गुजरात उच्च न्यायालय ने ईबीसी आरक्षण अध्यादेश रद्द किया

गुजरात उच्च न्यायालय ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए अनारक्षित श्रेणी के तहत दस फीसदी आरक्षण अध्यादेश को आज रद्द कर दिया। आंदोलनरत पटेल समुदाय को शांत करने के लिए राज्य की भाजपा सरकार ने यह कदम उठाया था।
भाजपा का राज : दबंगोंं का अवैध कब्‍जा, दलितों ने शिवराज से मांगी इच्छा मृत्यु

भाजपा का राज : दबंगोंं का अवैध कब्‍जा, दलितों ने शिवराज से मांगी इच्छा मृत्यु

मध्य प्रदेश में 50 दलित परिवारों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इच्छा मृत्यु के लिए अनुमति मांगी है। उनका आरोप है कि 15 साल पहले सरकार द्वारा उन्हें आबंटित की गई जमीन पर बाहुबली लोगों ने कब्जा कर रखा है, जिससे उनके पास आजीविका का कोई साधन नहीं बचा है।
तेंदुलकर ने विवादित जमीन पर वित्तीय हितों से किया इन्कार

तेंदुलकर ने विवादित जमीन पर वित्तीय हितों से किया इन्कार

क्रिकेटर से राज्यसभा सांसद बने सचिन तेंदुलकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि मसूरी स्थिति विवादित भूमि के मामले में उनका किसी तरह का हित नहीं जुड़ा है। हालांकि उन्होंने पुष्टि की है कि उन्होंने उस बैठक में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने मसूरी में अपने दोस्त के आवास के संबंध में हो रही परेशानियों को सुलझाने में मदद का आग्रह किया था।
पट्टा समाप्त होने के बाद भी किसान को नहीं किया जा सकता बेदखल : कोर्ट

पट्टा समाप्त होने के बाद भी किसान को नहीं किया जा सकता बेदखल : कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने अपनी व्यवस्था में कहा है कि पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद भी किसी किसान को उसके कब्जे वाली जमीन से बेदखल नहीं किया जा सकता, बशर्ते उस जमीन का मालिक उसकी काश्तकारी को मान्यता देता है या उससे पट्टे की राशि लेता है।
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