याकूब की फांसी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आधी रात के बाद हुई ऐतिहासिक सुनवाई खत्म। गुरूवार की सुबह याकूब की फांसी को कुछ दिनों के लिए रुकवाने की कुछ वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की याचिका खारिज हो गई। अब इसके बाद कुछ ही घंटों में याकूब को फांसी लगना तय है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार की देर रात याकूब मेमन की दया याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रपति भवन से याचिका खारिज होने के बाद फांसी की सजा से बचने के सारे दरवाजे उसके लिए बंद हो चुके हैं। याकूब को गुरुवार की सुबह नागपुर में फांसी लगना अब लगभग तय है। हालांकि उसके वकीलों समेत देश के कई जाने माने वकीलों ने बुधवार की देर रात एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उधर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद नागपुर में याकूब की मृत्यु वारंट पर अमल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। आखिरी कोशिश के तहत प्रशांत भूषण समेत कई वकीलों ने चीफ जस्टिस से मिलने का समय मांगा।
1993 बम धमाकों में मिली फांसी की सजा पर रोक के लिए दायर याकूब मेमन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय जजों की एक पीठ ने सुनवाई की। दोनें पक्षों को सुनने के बाद पीठ के दोनों सदस्य जज किसी एक फैसले पर एकमत नहीं हो पाए। इस वजह से पीठ के दोनों जजों ने अलग अलग निर्णय सुनाया और मामले को मुख्य न्यायाधीश को सुनवाई के लिए हस्तांतरित किया। मुख्य न्यायाधीश ने मामले को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, प्रफुल्ल सी. पंत और अमिताव रॉय की पीठ को भेजा है जो 29 जुलाई को इसपर सुनवाई करेंगे।
इब्राहिम 'टाइगर' मेमन के भाई याकूब मेमन को इस महीने के अंत में फांसी दी जानी है। उसे जज पी.डी. कोडे ने सजा सुनाई है जिन्हें मैं दो दशक से जानता हूं। उनके आतंक निरोधी न्यायालय की खबरें एक संवाददाता के तौर पर मैं कवर किया करता था।
वर्ष 1993 के मुंबई विस्फोट के दोषी याकूब मेमन को इस माह के अंत में फांसी दिए जाने की खबरों के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि सरकार इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन करेगी।
पूर्व कोयल सचिव एचसी गुप्ता तथा दो अन्य लोगों को सीबीआई की विशेष अदालत ने कोयला घोटाले में आरोपी के रूप में समन किया है। अदालत ने प्रथम दृष्टया पाया है कि पूर्व नौकरशाह ने मध्य प्रदेश के एक कोयला ब्लॉक को पुष्प स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को आवंटन में मदद पहुंचाई जिसके कारण सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचा।
उत्तरी सीरिया की एक मस्जिद में हुए एक विस्फोट में अल-कायदा के सीरियाई संगठन के 25 सदस्य मारे गए। मरने वालों में इस संगठन का एक नेता भी शामिल था। एक निगरानी समूह के अनुसार, यह विस्फोट उस समय हुए, जब वे लोग मगरिब की नमाज पढ़ने के लिए एकत्र हुए थे।