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Search Result : "States crisis deepened"

जीएसटी की राह में हैं अभी कई चुनौतियां

जीएसटी की राह में हैं अभी कई चुनौतियां

महत्वपूर्ण कर सुधारों वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक सोमवार को लोकसभा में आएगा। लोकसभा में भी इसे लगभग सभी दलों का समर्थन मिलना लगभग तय माना जा रहा है। कुछ संशोधनों के साथ राज्यसभा में यह पहले ही पारित हो चुका है।
फेल्प्स का जीत जीत के साथ विदा लेने का इरादा

फेल्प्स का जीत जीत के साथ विदा लेने का इरादा

ओलंपिक की तैराकी स्पर्धा में एक बार फिर माइकल फेल्प्स अमेरिकी चुनौती की अगुवाई करेंगे जबकि उनके चैम्पियन बनने की राह में सिर्फ आस्ट्रेलियाई तैराक चुनौती पेश कर सकते हैं। 18 स्वर्ण समेत रिकार्ड 22 ओलंपिक पदक जीत चुके फेल्प्स का यह पांचवां ओलंपिक है।
केंद्र ने कहा, पूरे देश में शराबबंदी का कोई विचार नहीं

केंद्र ने कहा, पूरे देश में शराबबंदी का कोई विचार नहीं

केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि पूरे देश में शराबबंदी का फिलहाल कोई विचार नहीं है लेकिन राज्य अपने स्तर पर इस दिशा में प्रयास कर सकते हैं और केंद्र से सहयोग ले सकते हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने जदयू के कौशलेंद्र कुमार के एक प्रश्न के उत्तर में कहा, फिलहाल देश में पूरी तरह शराबबंदी का कोई विचार अभी नहीं है।
ढाका में आतंकी हमला, 28 की मौत, 13 बंधक छुड़ाए गए

ढाका में आतंकी हमला, 28 की मौत, 13 बंधक छुड़ाए गए

बांग्लादेश की राजधानी ढाका के रेस्टोरेंट से एक भारतीय नागरिक समेत 13 बंधकों को छुड़ा लिया गया है। बंधक संकट समाप्‍त हो गया है। लगभग 11 घंटों तक बंधकों को छुड़ाने के प्रयास किए गए। शुक्रवार रात हथियारबंद आतंकी हमले के बाद करीब 100 कमांडो रेस्टोरेंट में लोगों को बचाने घुसे। रेस्टोरेंट में मौजूद सात आतंकियों में से 6 को ढेर कर दिया गया है और एक को पकड़ लिया गया है। पूरे हमले में आतंकियों समेत 28 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
उत्तर कोरियाई नेता की मौसी अमेरिका में चलाती हैं ड्राई क्लीनर

उत्तर कोरियाई नेता की मौसी अमेरिका में चलाती हैं ड्राई क्लीनर

उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन की मौसी न्यूयार्क में गुमनामी में अपना जीवन बिता रही हैं। 1998 में अपना देश छोड़ने के बाद से वह न्यूयॉर्क में एक ड्राई क्लीनिंग चला रही हैं।
पानी के लिए त्राहिमाम

पानी के लिए त्राहिमाम

देश पानी के भीषण संकट से गुजर रहा है। मराठवाड़ा के हालात पर हर दिन चर्चा हो रही है। सुरक्षा बल के साथ वहां पानी की ट्रेन भेजी गई और कई लोग पूरे दिन में सिर्फ एक गिलास पानी पर रहने को मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश में पानी हर साल संकट और तबाही का कारण बनता रहा है। किसी साल बाढ़ तो किसी साल सूखे की त्रासदी झेलने को मजबूर उार प्रदेश में गर्मी का मौसम शुरू होते ही 50 जिले सूखे की चपेट में आ गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले दो दशकों में कभी भी मार्च के अंत और अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में ऐसे विकराल रूप में सूखा नहीं पड़ा। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त की मानें तो राज्य के पचास जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। ऐसे 21 जिले हैं जिसमें किसानों को 33 प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है। जहां तक सूखा पीड़ित क्षेत्रों के किसानों को सरकारी मदद का सवाल है, यह मदद उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिनकी 33 प्रतिशत से अधिक फसल नष्ट हुई है। अभी मई और जून की भीषण गर्मी के दिनों में और भी जिलों के सूखा प्रभावित होने आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार मंडलों के बीच जिलों में पानी के स्रोत सूख चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार सबसे खतरनाक स्थिति भूगर्भ जल स्तर के औसतन छह से नौ फुट तक नीचे जाने के कारण उत्पन्न हुई है। इन जिलों के डेढ़ हजार से अधिक कुओं का जलस्तर न्यूनतम होने के कारण कुएं सूख गए हैं। 80 प्रतिशत से अधिक हैंडपंप सूख चुके हैं।
चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड से अधिक सुंदर पर्वतीय क्षेत्र, विविधता की संस्कृति, भोली भाली संघर्षशील जनता संपूर्ण विश्व में अदभु,त है। स्विट्जरलैंड से कई गुना बेहतर हिम शृंखला हिमालय में है। आजादी के बाद इस क्षेत्र को आवश्यकता और आकांक्षाओं के अनुरूप आर्थिक प्रगति के लाभ नहीं मिले। उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहने पर उत्तराखंड के लोगों को रोजगार सहित विभिन्न सुख-सुविधाओं की कमी खलती रही। इसीलिए बड़े संघर्ष के बाद उत्तराखंड को छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ अलग राज्य का दर्जा मिला।
डीए: मोदी सरकार का चुनावी राज्यों पर दबाव, ममता बौखलाईं

डीए: मोदी सरकार का चुनावी राज्यों पर दबाव, ममता बौखलाईं

कर्मचारियों के लिए छह फीसद महंगाई भत्ते (डीए) की किश्त की घोषणा कर केन्द्र सरकार ने चुनावी राज्यों वाली सरकारों पर दबाव बना दिया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केन्द्र की मोदी सरकार की घोषणा से बौखलाई बताई जा रही हैं, क्योंकि वहां सरकारी कर्मचारियों के स्तर पर चुनौतियां ज्यादा हैं। बंगाल सरकार के कर्मचारियों तनख्वाह केन्द्र से अब 54 फीसद कम हो गई है। अब ममता बनर्जी राज्य सरकार के कर्मचारियों को खुश करने का रास्ता ढूंढ रही हैं। यही हाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में भी है। हालांकि, इन राज्यों में तनख्वाहें छह से 12 फीसद ही कम हैं। इसलिए, कर्मचारियों की नाराजगी की चिंता नेताओं को कम है।
घूसकांड को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट में जुटीं ममता बनर्जी

घूसकांड को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट में जुटीं ममता बनर्जी

तृणमूल घूसकांड को लेकर ममता बनर्जी क्राइसिस मैनेजमेंट में जुट गई हैं। बंगाल की सत्ताधारी पार्टी में दरार दिखने लगी है। नेताओं के एक वर्ग की नाराजगी उभर आई है। बंगाल में तृणमूल के नेताओं के बीच असंतोष न भड़के उसके लिए पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने निजी तौर पर नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को उन्होंने कोलकाता से दिल्ली भेजा है।
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