धर्मनिरपेक्षता की धारणा पर कुछ हद तक सवाल खड़े करते हुए संविधान दिवस (26 नवंबर 2015) के आयोजन ने इस बहस को एक बार फिर से खड़ा कर दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उस दलील को दोहराया जिसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार अर्से से उठाता रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द की विकृत परिभाषा का उपयोग समाज में तनाव उत्पन्न कर रहा है।
देश इस समय विभिन्न क्षेत्रों में पतन की राह पर अग्रसर है। धर्मनिरपेक्षता, अनेकता, और भारतीय राष्ट्रीयता को राजनैतिक तौर पर कमजोर किए जाने के अलावा सांस्कृतिक बहुलता और मेलजोल की परंपरा पर भी कुठाराघात हो रहा है।