योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में हवाई यात्रा को सुगम बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने जा रही है, जिसके तहत अगले दो-तीन सालों में प्रयाग अर्धकुम्भ (2019) समेत दूसरे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
राजस्थान में एक महिला को सरेआम पाइप से पीटने का मामला सामने आया है। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें महिला को गालियां दी गई और उसे लात भी मारी गई। इतना ही नहीं आरोपियों ने महिला से जबरदस्ती धार्मिक नारे भी लगवाए।
एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय पर हुई सीबीआई की कार्रवाई को लेकर कुछ नेताओं के बयान आए हैं। वहीं कुछ नेताओं ने चुप्पी साध ली है। जहां मीडिया जगत में इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण हमला माना जा रहा है, वहीं राजनीतिक हलकों में भी कुछ नेता प्रणय रॉय और एनडीटीवी के समर्थन में उतर आए हैं। लेकिन कई बड़े नेता जो अक्सर अलग-अलग मसलों पर ट्वीट करते रहते हैं उनका यहां मौन रहना समझ से परे है।
फिल्म निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव का मानना है कि भारत का सेंसर बोर्ड दरअसल देश के नागरिकों का प्रतिनिधित्व ही नहीं करता है। इसलिए फिल्मकारों को अपनी तीखी कहानियों को बयां करने के लिए कठोर रुख अपनाना होगा। उन्होंने अपनी ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरका’ को लेकर उठे विवाद के बाद कहा, भारत में महिलाएं उतनी आजाद नहीं हैं जितना कि वो होने की कल्पना करती हैं।
पाकिस्तान में नागरिक समाज के सदस्यों और शिक्षाविदों ने भारतीय स्वतंत्राता सेनानी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की 86वीं पुण्यतिथि के मौके पर मांग उठाई है कि इन तीनों की अन्यायपूर्ण हत्याओं के लिए ब्रिटेन की महारानी को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने प्रदेश के 100 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। स्कूलों पर बच्चों को कच्ची उम्र में असहिष्णुता का पाठ पढ़ाने का आरोप है। सौ स्कूलों की इस सूची में पांच राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूल भी शामिल हैं। इसमें अधिकतर निजी स्कूल केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं।
शनिवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर दुनिया भर के कई लेखकों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखा है। मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर भेजे गए पत्र में लेखकों ने राष्ट्रपति से इसे तत्काल रोकने की अपील की है।
अहम सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्म बनाने वाले निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि इस देश में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म बनाना असंभव है, क्योंकि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।