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कहानियों की किताब जिसमें हर कहानी है 140 अक्षरों से कम की

कहानियों की किताब जिसमें हर कहानी है 140 अक्षरों से कम की

जब लेखक और इलस्ट्रेटर मनोज पांडे ने सलमान रश्दी, मार्गरेट एटवुड और तेजू कोले जैसे अपने पसंदीदा लेखकों को उनकी प्रतिक्रिया पाने की आशा में अपने ट्वीट में टैग करना शुरू किया तब वे नहीं जानते थे कि उनकी प्रतिक्रिया भी अपने आप में लघु कहानियां ही होंगी।
छुपा ‘रुस्तम’ अक्षय

छुपा ‘रुस्तम’ अक्षय

रुस्तम देखते हुए कई बातें दिमाग में एक साथ चलती हैं। सन 1959 में नानावटी केस पर बनी इस फिल्म को देखते हुए लगता है कि संपादन नीरज पांडे की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत है। शायद यही वजह है कि रुस्तम की धीमी कहानी भी पकड़ छूटने नहीं देती।
रिजर्व बैंक के नए प्रमुख की घोषणा संसद के मानसून सत्र से पहले

रिजर्व बैंक के नए प्रमुख की घोषणा संसद के मानसून सत्र से पहले

रिजर्व बैंक के नए गवर्नर की नियुक्ति अगले महीने संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले हो सकती है और इस मामले में रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन प्रमुख संभावित उम्मीदवार बनकर उभर रहे हैं।
‘हाउसफुल’ होना तो मुश्किल है

‘हाउसफुल’ होना तो मुश्किल है

अक्षय कुमार तो कई तरह की फिल्में करते रहते हैं। उनके लिए यह खतरा मोल लेना ठीक है कि वह हाउसफुल जैसी फिल्में कर लें लेकिन इस फिल्म के बाकी कलाकारों ने क्या सोच कर इस फिल्म में काम किया होगा यह तो वही जाने।
मदन कश्यप को केदार सम्मान

मदन कश्यप को केदार सम्मान

सन 2015 के लिए समकालीन हिन्दी कविता का चर्चित केदार सम्मान इस साल वरिष्ठ कवि मदन कश्यप को दिया गया। प्रख्यात आलोचक प्रो. मैनेजर पाण्डेय ने कहा, मदन कश्यप मूलगामी काव्य दृष्टि के कवि हैं। मूलगामी दृष्टि वह है जो अपने समय के मनुष्य और समाज के भाव-कुभाव और स्वाभाव को जानती हो, दोनों के छल-छद्म, आतंक और क्रूरता को पहचानती हो और उन सबसे मुक्ति की राह बनाती हो।
दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहने पर केजरीवाल को कोर्ट ने किया तलब

दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहने पर केजरीवाल को कोर्ट ने किया तलब

दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आरोपी के रूप में तलब किया है। मजिस्ट्रेट ने आदेश देते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या उन्होंने अपराध किया था।
कैंपस से निकली विचारों की आंधी

कैंपस से निकली विचारों की आंधी

छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
कहानी - सुरक्षा

कहानी - सुरक्षा

“एम. ए.। प्राचीन इतिहास में पीएच.डी। कहानी-कविता के साथ-साथ यात्रा वृत्तां पर भी पुस्तक। धूप का गुलाब और चबूतरे का सच नाम से कहानी संग्रह। बादल को घिरते देखा है यात्रा वृत्तांत और तख्त बनने लगा आकाश नाम से कविता संग्रह प्रकाशित। साथ में खिले हैं शब्द नाम से एक हाइकू संग्रह। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार।”
एक कवि का ‘मैं’ से ‘तुम’ हो जाना

एक कवि का ‘मैं’ से ‘तुम’ हो जाना

स्त्री अस्मिता को लेकर भारत में शुरू हुए स्त्रीवादी आंदोलनों और महिला अधिकारों की बहसों की शुरुआत के बाद से स्त्रीवादी कविता में उसके सरोकारों की भी बात होने लगी। हालांकि, उसके पहले भी स्त्रीवादी कविताएं लिखी जाती थीं, लेकिन तब उसमें स्त्री अधिकारों और सरोकारों की बातें कम होती थीं, स्त्री सौंदर्य और स्त्री प्रेम की बातें ज्यादा होती थीं।
प्रज्ञा पांडेय की कहानी: तस्दीक

प्रज्ञा पांडेय की कहानी: तस्दीक

संस्कृत में एमए के बाद बीएड। साहित्यिक अभिरुचियों के चलते कहानी लेखन की ओर झुकाव। पहली कहानी हंस में प्रकाशित। इसके बाद विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां और लेख प्रकाशित। कृष्ण बिहारी के संपादन में आबूधाबी से निकलने वाली पहली हिंदी पत्रिका निकट में कार्यकारी संपादक। लखनऊ में निवास।
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