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आधार पर केंद्र के सवाल बड़ी पीठ को भेजें या नहीं, फैसला मंगल को

आधार पर केंद्र के सवाल बड़ी पीठ को भेजें या नहीं, फैसला मंगल को

उच्चतम न्यायालय ने सरकार की सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपने के केंद्र के आग्रह पर आज सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय इस पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि वह इस बारे में निर्णय करेगी कि केंद्र द्वारा उठाए गए सवालों को वृहद पीठ को भेजा जा सकता है या नहीं।
पिता से पहले गुरु थे कुमार गंधर्व

पिता से पहले गुरु थे कुमार गंधर्व

रिमझिम बारिश और पूना के बेतरतीब ट्रैफिक से गुजर जब मैं वार्जे के अतुल नगर इलाके में पहुंची तो हल्की ठंडक ने थोड़ी सी सिहरन भर दी थी। जब मैं कमरे में पहुंची तो कपूर की भीनी सी खुशबू नथुनों से टकराई और लगा जैसे एक-डेढ़ घंटे की थकान धीरे-धीरे कपूर के साथ उड़ रही है। उस छोटे से कमरे में कला के विविधरूप थे। छोटी मूर्तियां, कुछ रंग और बहुत सारा संगीत। इन सबके बीच सफेद धोती, कमीज और कंधे पर गमछा डाले जो शख्स विनम्रता से आते हैं उनका नाम है, मुकुल शिवपुत्र।
सन टीवी विवाद से पीएमओ ने पल्ला झाड़ा

सन टीवी विवाद से पीएमओ ने पल्ला झाड़ा

द्रमुक के कलानिधि मारन और दयानिधि मारन बंधुओं के सन टीवी समूह के 33 चैनलों को सुरक्षा क्लीयरेंस वापस ले लेने के केंद्रीय गृहमंत्रालय के फैसले में दखल देने का प्रधानमंत्री कार्यालय का कोई इरादा नहीं है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इन चैनलों को सुरक्षा क्लीयरेंस देने के पक्ष में है। दोनों मंत्रालय इस बारे में आमने-सामने हैं।
सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?
विवादित कॉलेजियम एवं न्यायिक नियुक्ति आयोग पर राष्ट्रपति हस्तक्षेप करेंः बार एसो

विवादित कॉलेजियम एवं न्यायिक नियुक्ति आयोग पर राष्ट्रपति हस्तक्षेप करेंः बार एसो

अखिल भारतीय बार संघ (एआईबीए) ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से शिकायत की है कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में कम से कम 125 जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी पूर्ववर्ती कॉलेजियम प्रणाली खत्म करने से उत्पन्न हुई संवैधानिक शून्यता के कारण हो रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के गठन में भी देर की जा रही है।
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